Agusta Westland Scam: क्रिश्चन मिशेल की जमानत याचिका पर बड़ा अपडेट, SC में इस तारीख को होगी सुनवाई
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Agusta Westland Scam: क्रिश्चन मिशेल की जमानत याचिका पर बड़ा अपडेट, SC में इस तारीख को होगी सुनवाई

Agusta Westland Case: मिशेल ने 11 मार्च के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. CBI और ED दोनों मामलों में अपनी रिहाई की मांग करते हुए आरोपी ने कहा था कि जांच के लिए उसकी जरूरत नहीं है.

Christian Michel AgustaWestland VVIP chopper scam

Agusta Westland Scam Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि वह अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले (Agusta Westland Scam Case) में बिचौलिए क्रिश्चन मिशेल (Christian Michel) की जमानत (Bail) याचिका पर अब छह दिसंबर को सुनवाई करेगा इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दो अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज कर रखी हैं.

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि उसने याचिका मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की है क्योंकि आज सुनवाई के लिए बहुत मामले हैं. 

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था जवाब

इससे पहले मई में शीर्ष अदालत ने जमानत याचिकाओं पर सीबीआई और ईडी से जवाब मांगा था. ये पूरा केस अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 12 VVIP हेलीकॉप्टर खरीदने में 3,600 करोड़ रुपए के कथित घोटाले से जुड़ा है. पिछली सुनवाई के दौरान, मिशेल के वकील ने कहा था कि उसका ये मामला सीआरपीसी की धारा 436ए (अधिकतम अवधि जिसके लिए विचाराधीन कैदी को हिरासत में लिया जा सकता है) के तहत आता है और उसने उस अपराध के लिए 50 प्रतिशत सजा काट ली है जिसे अंजाम देने का उस पर आरोप है. 

वकील की दलील

मिशेल के वकील ने कहा था कि आरोपी को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और तब से वह हिरासत में है और जांच अभी भी पूरी नहीं हुई है. वकील ने कहा था कि मिशेल की दलील यह है कि भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 8 और 9 के तहत अधिकतम सजा 5 साल की है और वो करीब 4 साल की काट चुका है. वहीं दूसरी ओर जांच एजेंसियों की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था कि बड़ी मुश्किल से जांच एजेंसी को उसकी हिरासत मिली है और ईडी की कार्यवाही पर धारा 436ए लागू नहीं होगी उन्होंने कहा कि मिशेल ब्रिटेन का रहने वाला है और उसे दुबई से प्रत्यर्पित करके लाया गया था.

हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती

मिशेल ने 11 मार्च के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में अपनी रिहाई की मांग करते हुए आरोपी ने कहा था कि जांच के लिए उसकी जरूरत नहीं है और उसने जांच में सहयोग करने की इच्छा जताई थी.

पिछले साल सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जमानत याचिका खारिज करते हुए एक निचली अदालत ने कहा था कि समग्र तथ्यों और परिस्थितियों, आरोपों की गंभीर प्रकृति, अपराध की गंभीरता और आरोपी के आचरण पर विचार करते हुए, वह इस मामले को जमानत देने के लिए उपयुक्त नहीं मानती. आपको बताते चलें कि मिशेल को दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और बाद में दोनों जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

(इनपुट: भाषा)

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