SC का केंद्र के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से इंकार, बताई ये वजह
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SC का केंद्र के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से इंकार, बताई ये वजह

केंद्र सरकार के इस हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट का बजट 20,000 करोड़ रुपये का है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर अभी रोक लगाने से इंकार किया, कोर्ट ने कहा कि अभी इस अर्जी पर तुरंत सुनवाई की जरूरत नहीं है. वैसे भी इस महामारी के बीच अभी कोई कुछ नहीं करने जा रहा है.

  1. अभी इस सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर तुरंत सुनवाई की जरूरत नहीं- सुप्रीम कोर्ट
  2. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन के पास की कई ऐतिहासिक इमारतों का पुनर्निर्माण होगा
  3. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में प्रधानमंत्री के लिए नया आवास बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है

बता दें कि केंद्र सरकार के इस हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट का बजट 20,000 करोड़ रुपये का है. इस प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक चार स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में कई ऐतिहासिक इमारतों का पुनर्निर्माण और पुनर्विकास किया जाएगा. इसमें मौजूदा संसद के बगल में नया संसद भवन और प्रधानमंत्री के लिए नया आवास बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है.

दरअसल विपक्ष भी इस प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा मुद्दा बना रहा है, विपक्ष का कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में पहले से आर्थिक हालात खस्ता होने की सूरत में इस प्रोजेक्ट पर इतनी बड़ी लागत लगाना ठीक नहीं है.

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गौरतलब है कि इस मामले में सरकार द्वारा सेंट्रल विस्टा को पुनर्विकसित करने की योजना को मंजूरी मिल चुकी है और इसके लिए साल 2024 की डेडलाइन तय की गई है. केंद्र सरकार की यह योजना करीब 20 हजार करोड़ रुपये की है और इसी साल केंद्र ने संसद, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक जैसी संरचनाओं द्वारा चिह्नित लुटियंस दिल्ली के केंद्र में लगभग 90 एकड़ भूमि से संबंधित भूमि उपयोग में बदलाव को अधिसूचित किया गया था.

इस प्रोजेक्ट में संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और इसके आसपास राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले हरित क्षेत्र में मौजूद सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना को आकार दिया जाएगा. आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा.

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पहले चरण में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के दायरे में मौजूद 'सेंट्रल विस्टा क्षेत्र' को 2021 तक नया रूप दिया जाना है. जबकि मौजूदा और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक संसद भवन की नई इमारत का निर्माण 2022 तक और तीसरे चरण में सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर समेकित करने के लिये प्रस्तावित समग्र केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक करने का लक्ष्य है.

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