#Farm Law: विपक्ष ने कहा है कि सरकार ने वोटिंग नहीं होने दी. कमेटी के सदस्य ने रिजाइन कर दिया. बीजेपी भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. सरकार जी इस कोशिश में लगी है कि कानून न हटाकर किसानों को घर भेज दिया जाए.
Trending Photos
नई दिल्ली: देश की राजधानी में किसानों के आंदोलन (Farmer's Protest) का आज 54वां दिन है. इस बीच कांग्रेस पार्टी और शिवसेना ने केंद्र सरकार और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को घेरते हुए आरोप लगाए हैं. कांग्रेस नेता जसबीर सिंह गिल (Jasbir Singh Gill) ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, ' बीजेपी की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है. तोमर जी झूठ बोलना बंद कीजिये. भ्रमित करना बंद कीजिये.
नए किसान कानूनों (Farm law) को लेकर कांग्रेस (Congress) लगातार बीजेपी (BJP) पर हमलावर है. ताजा बयान के मुताबिक, 'बीजेपी हर आंदोलन को कमजोर करने का तरीका जानती है. वो सीबीआई और NIA जैसी एजेंसी लोगों के पीछे लगाते हैं. जाति-धर्म के नाम पर बंटवारा करते हैं. इससे पहले कि देश का नाम खराब हो अपना अहम छोड़िये और किसानो की बात मानिये.'
ये भी पढ़ें- Saif Ali Khan की वेब सीरीज पर 'तांडव' जारी, बीजेपी नेता बोले- 'अब संयम नहीं! रण होगा'
शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) ने कहा, ' सरकार बार बार कह रही है कि किसान की आमदनी दोगुनी होगी. ठंड में किसान कृषि कानूनों (Agriculture Law) आंदोलन कर रहे है, क्या वो अपने अधिकारों के बारे में नहीं जानते? केंद्र की सरकार ने इन कानूनों पर संसद में वोटिंग तक नहीं होने दी. कमेटी के सदस्य ने रिजाइन कर दिया है. सरकार भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. सरकार जी जान से इस कोशिश में लगी है कि कानून न हटाकर किसानों को घर भेज दिया जाए. हर घर और गांव के किसान को NIA का नोटिस गया है. आप उन्हें डरकर उनके अधिकार खत्म करने की कोशिश कर रहे है.
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस पर किसानों के प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ केंद्र सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई करेगा. सोमवार को CJI की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ सुबह 11 बजे के बाद सुनवाई करेगी. केंद्र की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली पर रोक की मांग की थी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. सोमवार को किसान संगठन को सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट एक कमेटी के सदस्य के नाम को और जोड़ सकता है. वहीं केंद्र सरकार आईबी (IB) रिपोर्ट के साथ हलफनामा भी दाखिल कर सकती है.
LIVE TV