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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले महीने हुई हिंसा के मामले (Lakhimpur Kheri Violence Case) की सुनवाई की. इस दौरान यूपी पुलिस (UP Police) ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की. इसके बाद कोर्ट ने जांच पर नाराजगी जाहिर की और सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि आपकी रिपोर्ट में कुछ नहीं है. बता दें कि लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी.
चीफ जस्टिस एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और गरिमा प्रसाद को शुक्रवार तक मामले पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
यूपी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमने स्थिति रिपोर्ट दी है. सीसीटीवी से हमने आरोपियों के मौजूद होने कि स्थिति स्पष्ट कि है. इस पर सीजेआई ने कहा कि लैब रिपोर्ट भी नहीं आई. आरोपियों के सेलफोन कहां थे? आशीष मिश्रा का सेलफोन कहां था आपने रिपोर्ट में इसका जवाब दिया?
हरीश साल्वे ने कहा कि हमने आशीष के सेलफोन का लोकेशन दिया है. स्थिति रिपोर्ट देखिए. इस पर सीजेआई ने कहा कि अन्य आरोपियों के सेलफोन कि लोकेशन कहां है? क्या आरोपी सेलफोन नहीं रखते? आप रिपोर्ट के पैरा 7 कि बात कर रहे हैं. उसमें कुछ नहीं है.
हरीश साल्वे ने कहा, हम लैब से संपर्क कर रहे हैं. पुलिस जांच कर रही है और हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है. सीजेआई ने कहा कि सेल टावरों के माध्यम से आप पहचान सकते हैं कि क्षेत्र में कौन से मोबाइल एक्टिव थे? जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि एक विशेष आरोपी को 2 एफआईआर को ओवरलैप करके लाभ दिया जा रहा है.' हरीश साल्वे ने कहा कि चश्मदीद गवाह हैं. इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि ये आरोपी घटना स्थल पर थे. सीसीटीवी फुटेज के जरिए साफ होता है और हमने बयान दर्ज करने के लिए गवाहों को बुलाया है.
पीठ ने आरोपपत्र दाखिल किए जाने तक जांच की निगरानी करने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन या न्यायमूर्ति रंजीत सिंह के नाम का सुझाव दिया. कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में हाई कोर्ट के एक जज को नियुक्त करना चाहते हैं, ताकि दोनों एफआईआर के बीच अंतर कर मामले की जांच की जा सके. कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज रंजीत सिंह और राकेश कुमार का नाम सुझाया. इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि थोड़ा समय दीजिए.
पीठ ने मृतक श्याम सुंदर की पत्नी के वकील से कहा कि सीबीआई को मामला सौंपना कोई हल नहीं है. सीजेआई ने यूपी सरकार कि ओर से पेश हुए वकील हरीश साल्वे से कहा कि मृतक श्याम सुंदर के मामले में हो रही जांच में लापरवाही पर क्या कहेंगे? इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि जिस पत्रकार की मौत हुई. पहले ये माना गया था कि वो आशीष मिश्रा के साथ थे, बाद में पता चला कि वो उन किसानों के साथ शामिल थे, जिनकी कार द्वारा कुचले जाने से मौत हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमे शुरू में ऐसा इम्प्रेशन दिया गया थ कि पत्रकार कार में थे. इसलिए हम चाहते है कि हाई कोर्ट के कोई रिटायर्ड जज जांच की निगरानी करें. मामले की निष्पक्ष जांच जज की निगरानी में कराई जानी चहिए, यही हल है. आप राज्य सरकार से पूछ कर बताइए. इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि राजनीतिक रंग भी दिया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि कोई राजनीतिक रंग दिया जाए. सरकार निष्पक्ष जांच करें और जज निगरानी करें. ये हम चाहते है.
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