Naxalism: कब खत्म होगा भारत से नक्सलवाद? अमित शाह ने बता दिया साल, महीना और तारीख!
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Naxalism: कब खत्म होगा भारत से नक्सलवाद? अमित शाह ने बता दिया साल, महीना और तारीख!

Amit Shah News: नक्सलवाद, भारत में दम तोड़ चुका है. गिने चुने नक्सली आका आखिरी सांसे ले रहे हैं. दरअसल सेंट्रल फोर्सेज का सीधा फंडा है कि नक्सलियें तुम सरेंडर करो या मरो. च्वाइस तुम्हारी है. इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है. 

Naxalism: कब खत्म होगा भारत से नक्सलवाद? अमित शाह ने बता दिया साल, महीना और तारीख!

Naxal Free India: भारत में नक्सलवाद ने बीते पांच दशकों में हजारों जिंदगियों को लील लिया. केंद्र और राज्यों के बेहतरीन समन्वय की वजह से महाराष्ट्र से ओडिशा तक फैले लाल गलियारे में शांति है. सुरक्षा बलों को फ्री हैंड दिया गया है, सरकार नक्सलियों से बात करने के साथ उनसे सुझाव भी मांग रही है. इन कोशिशों के बीच भारत जिस तरह कभी पोलिया फ्री घोषित हुआ था, उसी तरह वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद से कब तक आजादी मिलेगी इसकी डेडलाइन को लेकर मोदी सरकार ने बड़ी हिंट दी है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को कहा कि भारत मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद (wampanthi ugrawad) से मुक्त हो जाएगा. शाह ने कहा कि इस खतरे के खिलाफ अंतिम लड़ाई शुरू करने के लिए एक मजबूत रणनीति की आवश्यकता है. शाह, नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों तथा पुलिस महानिदेशकों के साथ वामपंथी उग्रवाद पर समीक्षा बैठक और अंतरराज्यीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. गृह मंत्री ने नक्सलियों से हिंसा छोड़ने का आग्रह भी किया और कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार एक-दो महीने में नई आत्मसमर्पण नीति की घोषणा करेगी.

2014 से 2024 के दौरान नक्सली वारदातों में 53% कमी 

शाह ने कहा, 'अगर हम छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या का समाधान करना चाहते हैं तो पड़ोसी राज्यों का पारिस्थितिकी तंत्र भी इस खतरे से निपटने के लिए मजबूत होना चाहिए. नक्सलियों के खिलाफ अंतिम वार शुरू करने के लिए एक मजबूत और कठोर रणनीति की आवश्यकता है.'

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गृह मंत्री ने कहा, 'नक्सली हिंसा लोकतंत्र के लिए चुनौती है और इस खतरे ने देश में करीब 17 हजार लोगों की जान ली है. बीते 40 सालों में माओवादी हिंसा में 17000 सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की जान गई है. केंद्र की मोदी सरकार बनने के बाद से इस खतरे को चुनौती के रूप में लिया गया है. हमने दोहरे उद्देश्य पर काम किया है, पहला नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कानून का शासन स्थापित करना और दूसरा लोगों का विश्वास जीतकर विकास को प्रोत्साहित करना.'

उन्होंने कहा कि 2014 से 2024 के दौरान नक्सली घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी आई है.

'वामपंथी उग्रवाद पर अंतिम हमले का समय आ गया'

शाह ने कहा कि 2019 से 2024 के बीच बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश नक्सलवाद से मुक्त हो गए जबकि महाराष्ट्र भी एक जिले (गढ़चिरौली) को छोड़कर इस खतरे से मुक्त हो गया तथा यह केंद्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से निपटने के लिए नई अर्धसैनिक बटालियन तैनात की जाएंगी.

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गृह मंत्री ने कहा, '2022 में, चार दशकों में पहली बार, वामपंथी हिंसा के कारण होने वाली मौतों की संख्या 100 से नीचे आई. 2004-14 में, देश में नक्सली हिंसा की 16,274 घटनाएं हुईं, जो अगले दशक (मोदी शासन के दौरान) में 53 प्रतिशत घटकर 7,696 हो गई. इसी तरह, देश में माओवादी हिंसा के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी गिरावट देखी गई. जहां 2004-14 में 6568 लोगों की मौत हुई तो वहीं 2014-24 में 1990 लोगों की जान गई.

वामपंथी उग्रवाद से मुक्ति का समय जानिए

उन्होंने कहा, 'आज लड़ाई अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. हमारा मानना है कि हम मार्च 2026 तक देश को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कर सकेंगे. 2019 से अब तक नक्सल प्रभावित इलाकों में 277 सीआरपीएफ कैंप स्थापित किए गए हैं और सुरक्षा की कमी को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. सुरक्षाबलों के साथ NIA और ED जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने भी माओवादियों के वित्तीय तंत्र को खत्म करने का काम किया.'

शाह ने नक्सल विरोधी मोर्चे पर छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में सत्ता मिलने के बाद 179 नक्सलियों को मार गिराया गया और 559 को गिरफ्तार किया गया. 540 माओवादियों ने सरेंडर किया और सुरक्षाबलों के 46 नए कैंप स्थापित कर दिए.

उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार वामपंथी उग्रवाद के कारण निरक्षर रह गए लोगों को शिक्षित करने के लिए राज्य में अभियान चलाएगी. राज्य सरकार ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरम (एनआईए) की तर्ज पर एसआईए का गठन किया है, जिसे मजबूत किया जाएगा और अभियोजन पर जोर दिया जाएगा. 

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नक्सलियों से अपील

शाह ने कहा कि केंद्र राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने माओवादियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने का अनुरोध किया. बस्तर के नगरनार इलाके में एनएमडीसी इस्पात संयंत्र के निजीकरण की खबरों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा, 'चुनाव के दौरान यह स्पष्ट हो चुका है. केवल इस्पात संयंत्र रोजगार सृजन इकाई नहीं है, और वहां पर रोजगार सृजन के कई क्षेत्र हैं.'

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