यूपी में असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी से जूझ रही बीजेपी (BJP) के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है, जिसका समाधान पार्टी को भी नहीं सूझ रहा है. वहां पर एक ही सीट पर पति-पत्नी दोनों टिकट की होड़ में लगे हुए हैं.
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लखनऊ: यूपी में असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी से जूझ रही बीजेपी (BJP) के सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है, जिसका समाधान पार्टी को भी नहीं सूझ रहा है. दरअसल लखनऊ की सरोजिनी नगर विधानसभा सीट पर पार्टी से जुड़े पति और पत्नी टिकट के लिए दावा कर रहे हैं.
टिकट मांगने वालों में स्वाति सिंह (Swati Singh) प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं. वहीं उनके पति दया शंकर सिंह (Daya Shankar Singh), बीजेपी की राज्य इकाई में उपाध्यक्ष हैं. स्वाति सिंह लखनऊ की सरोजिनी नगर से मौजूदा विधायक हैं और दूसरे कार्यकाल के लिए टिकट पाने की इच्छुक हैं.
इस बारे में पूछने पर दया शंकर सिंह (Daya Shankar Singh) ने कहा, 'विवाद के कारण मुझे पिछली बार टिकट नहीं मिला था लेकिन मेरी टीम ने स्वाति की जीत सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की थी. इस बार मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं लेकिन यह पार्टी पर निर्भर है.' दूसरी ओर, पत्नी स्वाति सिंह (Swati Singh) ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सूत्रों ने बताया कि पति-पत्नी, दोनों पार्टी में अलग-अलग नेताओं के जरिए अपने टिकट की पैरवी करवा रहे हैं.
बताते चलें कि स्वाति सिंह (Swati Singh) पहले एक हाउस वाइफ थीं. उनका राजनीति में प्रवेश आकस्मिक रूप से हुआ था. दरअसल उनके पति दया शंकर सिंह (Daya Shankar Singh) जुलाई 2016 में तब विवादों में आ गए थे, जब उन्होंने बीएसपी अध्यक्ष मायावती के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी.
बसपा ने दया शंकर सिंह के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू किया, जिसके बाद बीजेपी बचाव की मुद्रा में चली गई. इसके बाद अखिलेश यादव की सरकार में दया शंकर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और बीजेपी को उन्हें निष्कासित करना पड़ा.
इस घटना के कुछ हफ्तों बाद बीजेपी ने दया शंकर (Daya Shankar Singh) की पत्नी स्वाति सिंह (Swati Singh) को अपनी महिला शाखा के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया. उस दौरान स्वाति सिंह राजनीति में पूरी तरह से नौसिखिया थीं. उसी दौरान बीएसपी से जुड़े कुछ नेताओं ने स्वाति सिंह और उनकी बेटी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी. जिसे स्वाति सिंह ने नारी अपमान से जोड़कर बड़ा मुद्दा बना लिया.
उन्हें लोगों का समर्थन मिलते देख बीजेपी वर्ष 2017 के चुनाव में सरोजिनी नगर से टिकट दे दिया, जिसमें वे भारी बहुमत से जीत गईं और योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री बनीं. हालांकि मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल विवादों में रहा है. उनमें से एक विवाद, मंत्री बनने के तुरंत बाद एक बियर बार का उद्घाटन करना रहा.
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इसी बीच, मामला ठंडा पड़ता देख बीजेपी ने दया शंकर सिंह (Daya Shankar Singh) का निष्कासन चुपचाप रद्द करके फरवरी 2018 में राज्य इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया. उसके बाद से अब वे विधायकी का चुनाव लड़ने की चाहत पाले हुए हैं. वहीं विधायक और मंत्री पद पर रह चुकीं उनकी पत्नी स्वाति सिंह (Swati Singh) भी सीट को किसी भी हाल में छोड़ना नहीं चाहतीं.
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