Gender Equality: स्कूल में सर और मैडम बोलने के दिन अब लद गए, अब टीचर्स को यूं पुकारेंगे बच्चे
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Gender Equality: स्कूल में सर और मैडम बोलने के दिन अब लद गए, अब टीचर्स को यूं पुकारेंगे बच्चे

Gender Equality in Kerala: पढ़ाई और साक्षरता दर में दशकों से अग्रिणी केरल (Kerala) के शिक्षाविदों ने सदियों से चले आ रही वैश्विक शिक्षण व्यवस्था के एक नियम में बदलाव की सिफारिश की है. इस फैसले के तहत अगर ये सिफारिश मान ली गई तो शिक्षकों को सर और मैडम कह कर बुलाने के दिन समझो अब लद चुके हैं.

Gender Equality: स्कूल में सर और मैडम बोलने के दिन अब लद गए, अब टीचर्स को यूं पुकारेंगे बच्चे

Teacher is more gender neutral than sir or madam: केरल बाल अधिकार आयोग ने निर्देश दिया है कि सभी स्कूली शिक्षकों को ‘सर’ या ‘मैडम’ के बजाय ‘टीचर’ शब्द से ही संबोधित किया जाना चाहिए. यानी माना जा सकता है कि भविष्य में अन्य राज्यों के स्कूलों में भी बच्चों द्वारा अपने शिक्षकों को संबोधित करने के लिए अब सर और मैडम जैसे विशेषण खत्म हो सकते हैं. हालांकि केरल में तो तय हो गया है कि अब जल्द ही शिक्षकों को सर और मैडम कह कर बुलाना बंद कर दिया जाएगा. 

अब सर-मैम की जगह टीचर कहेंगे बच्चे

नई व्यवस्था के अमल में आने पर शिक्षकों से संवाद के दौरान बच्चों को सिर्फ टीचर शब्द का प्रयोग करना होगा. इस सिलसिले में केएससीपीसीआर (KSCPCR) ने निर्देश जारी किया है.केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (KSCPCR) ने राज्य के सभी स्कूलों को निर्देश दिया कि वे स्कूल के शिक्षकों को उनके लिंग (जेंडर) की परवाह किए बिना 'सर' या 'मैडम' के बजाय 'शिक्षक' के रूप में संबोधित करें.

फैसले की वजह भी जानिए

केरल बाल अधिकार पैनल ने निर्देशित किया कि 'टीचर' उन्हें संबोधित करने के लिए 'सर' या 'मैडम' जैसे मानदंडों की तुलना में अधिक लिंग-तटस्थ (जेंडर न्यूट्रल) शब्द है. KSCPCR के आदेश में  'सर' और 'मैम' जैसे शब्दों के जरिये संबोधन से बचने का जिक्र भी साफ-साफ दर्द किया गया है. 

केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (केएससीपीसीआर) ने हाल में एक आदेश में कहा कि ‘सर’ या ‘मैडम’ के बजाय ‘टीचर’ शब्द लैंगिक पूर्वाग्रह नहीं रखता.आयोग के अध्यक्ष केवी मनोज कुमार और सदस्य सी विजयकुमार की पीठ ने बुधवार को सामान्य शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि राज्य में सभी स्कूलों में ‘शिक्षक’ संबोधन का इस्तेमाल करने के निर्देश दिये जाएं.

कोर्ट में पहुंचा था मामला

लिंग के अनुसार शिक्षकों को ‘सर’ या ‘मैडम’ संबोधित करने से होने वाले भेदभाव को खत्म करने के मकसद से एक व्यक्ति ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर विचार करते हुए आयोग ने निर्देश दिया.

(इनपुट: PTI)

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