गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (Tejas) में उड़ान भरकर दुनिया का ध्यान तेजस की तरफ एक बार फिर खींचा.
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नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री से लेकर सेना तक, सेना से लेकर रक्षा मंत्री (Defence Minister) तक, भारत का दुश्मनों को साफ संदेश है कि जल, थल और नभ में भारतीय सेना (Indian Army) का ना कोई मुकाबला था, ना है और ना ही होगा. इसी कड़ी में गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (Tejas) में उड़ान भरकर दुनिया का ध्यान तेजस की तरफ एक बार फिर खींचा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेंगलुरु में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी. इसके साथ ही राजनाथ सिंह तेजस के दो सीट वाले एयरक्राफ्ट में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए हैं.
आपको बता दें कि इस तेजस से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी एक सीधा संबंध है. अगस्त 1983 में भारत में लाइट कांबेट एयरक्रॉफ्ट प्रोजेक्ट (Light Combat Aircraft Project) शुरू हुआ. 4 जनवरी, 2001 को LCA की पहली उड़ान हुई. 2003 में पूर्व पीएम वाजपेयी ने इस स्वदेशी फाइटर जेट को 'तेजस' नाम दिया. आपको बता दें कि तेजस संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ असीम शक्ति है.
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तीन साल पहले ही वायुसेना में शामिल हुआ तेजस का बहुत जल्द अपग्रेड वजर्न भी आने वाला है. रक्षा अधिकारियों के मुताबिक तेजस भारतीय वायुसेना की 45वीं स्क्वॉड्रन 'फ्लाइंग ड्रैगर्स' का हिस्सा है. तेजस को भारत में डिजाइन किया गया है. इसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये पाकिस्तान और चीन के संयुक्त प्रयास से बनाए गए थंडरबर्ड से कई गुना ज्यादा दमदार है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब तेजस की प्रदर्शन की बात की गई थी उस वक्त पाकिस्तान और चीन ने अपने थंडरबर्ड को हटा लिया था. और अब भारत के इसी स्वदेशी तेजस की इस नई उड़ान से दुश्मनों की नींद उड़नी तय है.
स्वदेशी तेजस हमेशा से ही देश का अभिमान रहा है. आइए आपको इसकी ऐसी खूबियां बताते हैं जिस वजह से यह दुश्मन का एक बड़ा काल साबित हो सकता है...
ये हैं तेजस की खूबियां
- 2000 KMPH से ज़्यादा रफ़्तार
- रिफ्यूलिंग से रेंज 3000 KM तक
- हवा से हवा, आसमान से जमीन और एंटी शिप मिसाइल से लैस
- 50000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है
- उड़ाना आसान, वीडियो गेम से तुलना करते हैं पायलट
- 460 M के रनवे से भर सकता है उड़ान
- 42% कार्बन फाइबर, टाइटेनियम से तैयार
- वज़न 6,500 KG सबसे हल्का लड़ाकू विमान
- 3.5 टन विस्फोटक लेकर उड़ सकता है
- हर तरह की मिसाइल दागने में सक्षम है
LCA कैसे बना तेजस?
- अगस्त 1983 में शुरू हुआ Light Combat Aircraft प्रोजेक्ट
- 4 जनवरी, 2001 को LCA की पहली उड़ान
- 2003 में पूर्व पीएम वाजपेयी ने 'तेजस' नाम दिया
यह अपने देश का तेजस है
- वाजपेयी ने स्वदेशी फाइटर जेट को तेजस नाम दिया
- तेजस संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है असीम शक्ति
- तेजस दुनिया का सबसे हल्का-सबसे छोटा फाइटर जेट है
राजनाथ सिंह ने भरी 30 मिनट की उड़ान
बेंगलुरु के एयरफोर्स स्टेशन पर फ्लाइंग पोशाक में तैयार होकर राजनाथ सिंह पहुंचे. उड़ान भरने से पहले भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने राजनाथ सिंह को इसका ब्यौरा दिया. जिसके बाद रक्षा मंत्री तेजस में सवार हुए और तेजस में उड़ान भरी. दुनिया के सबसे छोटे फाइटर जेट तेजस में बैठते ही रक्षा मंत्री के लिए तालियां बजीं और उन्होंने लोगों का अभिवादन भी स्वीकार किया. रक्षा मंत्री ने करीब 30 मिनट तक इसमें उड़ान भरी और उड़ान के बाद इस अनुभव को अपनी जिंदगी का विशेष अनुभव बताया.
ज़ी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी भी कर चुके हैं तेजस की सवारी
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक राजनाथ सिंह की यह उड़ान स्वदेश निर्मित तेजस के विकास में शामिल रहे अधिकारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए थी. राजनाथ सिंह से पहले जनवरी 2018 में राजस्थान के जोधपुर में पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुखोई- 30 MKI में उड़ान भरी थी. जबकि बैंडमिंटन वर्ल्ड चैंपियन पीवी सिंधु भी तेजस में फरवरी में उड़ान भर चुकी हैं. इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि जिस तेजस पर रक्षा मंत्री राजनाथ ने उड़ान भरी है. उसी फाइटर जेट तेजस के कॉकपिट से ज़ी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी ने 27 मार्च 2018 को रिपोर्टिंग की थी.