भारत और अमेरिका के बीच वैक्सीन डिप्लोमेसी (US-India Vaccine Diplomacy) को लेकर अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने अपना रुख साफ किया है. उनका कहना है कि सप्लाई में देरी अमेरिका की ओर से नहीं बल्कि भारत की तरफ से नियमों की समीक्षा के चलते हो रही है.
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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने दुनिया के कई देशों को 8 करोड़ कोरोना वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) डोज देने का ऐलान किया था. इस घोषणा के बाद अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि जो भी मुल्क वैक्सीन की डोज लेना चाहता था, उसे अपने वैक्सीनेशन प्रोग्राम, नियम-कानूनों की जानकारी मुहैया करानी होगी. साथ ही कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा, तब जाकर अमेरिका उस देश को वैक्सीन सप्लाई करेगा.
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक भारत (India) को वैक्सीन सप्लाई का सवाल है यह देरी अमेरिकी (US) की ओर से नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार (Government of India) वैक्सीन लेने से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करना चाहती है. साथ ही नियमों की समीक्षा की जा रही है. जैसे ही भारत इस काम को पूरा कर लेना, अमेरिकी की ओर से तत्काल वैक्सीन डोज की सप्लाई की जाएगी.
इससे पहले बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि देश में 150 दिन के भीतर ही करीब 300 मिलियन वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि 182 मिलियन से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों को कम से कम एक डोज दी जा चुकी है. इनमें 90 फीसदी वरिष्ठ नागरिक और 70 फीसदी व्यस्क शामिल हैं जिनकी उम्र 27 साल से ऊपर है.
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बाइडेन ने कहा कि इस सप्ताह के आखिर तक अमेरिका में 160 मिलियन से ज्यादा आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज देने का लक्ष्य तय किया गया है. बता दें कि अमेरिका की मदद से चला जा रहे कोवैक्स वैक्सीन शेयरिंग प्रोग्राम (COVAX Programme) के तहत दुनिया के कई मुल्कों को वैक्सीन मुहैया कराने का प्लान है. इसमें दक्षिण एशियाई देशों के साथ अफ्रीकी देशों तक वैक्सीन की सप्लाई होनी है. भारत को भी इस प्रोग्राम के तहत करीब 40 लाख डोज सप्लाई की जानी हैं.
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