पश्चिम बंगाल में दिखने लगा फोनी का असर, जन-जीवन हुआ अस्त-व्यस्त
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पश्चिम बंगाल में दिखने लगा फोनी का असर, जन-जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

पूर्वी मिदनापुर के डीएम पार्था घोष ने बताया की रात साढ़े ग्यारह बजे रामनगर, कांथी और खेजुरी समेत नंदकुमार के 6 ब्लॉक में 67 हजार परिवार फोनी तूफान से प्रभावित हुए. 

पश्चिम बंगाल में दिखने लगा फोनी का असर, जन-जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

कोलकाता: फोनी तूफान का असर देश के कई हिस्सों में दिखने लगा है. पूर्वी मिदनापुर के डीएम पार्था घोष ने बताया की रात साढ़े ग्यारह बजे रामनगर, कांथी और खेजुरी समेत नंदकुमार के 6 ब्लॉक में 67 हज़ार परिवार फोनी तूफान से प्रभावित हुए हैं. वहीं 22 हज़ार लोगों को 75 शिविरों में और सुरक्षित स्थानों में ले जाया गया है. इन लोगों के लिए  चिड़वा, गुड़, मुरमुरा, पानी और अन्य खाने पीने का सामन की व्यवस्था की गई है. हालांकि दीघा समेत अन्य पर्यटन केन्द्रो में किसी भारी नुकसान की खबर नहीं है और प्रशासन की सतर्कत के कारण कोई और नुकसान नहीं हुआ है.

तूफान के चलते कई मिट्टी के घर बर्बाद हो गए. कई घरों के टीन की चाल उड़ गए. वहीं कल पूरे दिन और रात की तुलना में दीघा का समुद्र आज काफी शांत दिखा. समुद्री लहरें आज कल के मुकाबले उतनी उफान पर नहीं थी. कुछ लोग आज सुबह सुबह समुद्र के किनारे बैठे नजर आए लेकिन अभी भी खतरा वह पर मौजूद है. वही ग्रामीण इलाकों में कई पेड़ उखड गए और कुछ घरों में भी तबाही देखी गई.

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फोनी तूफान के प्रभाव से कल रात से ही नदिया जीएल के कई इलाकों में  मूसलाधार बारिश पड़ रही थी और आज सुबह भी बारिश पड़ती देखी गई. सड़को पर भी लोग ज़्यादा नहीं दिख रहे है. अभी भी लोगो को डर है की कही दोबारा तूफान न आ जाए. सुंदरबन के गोसाबा, बासंती के कई इलाकों में पूरी रात भारी बारिश होती रही. नदियों में नाव को जाने की इजाज़त नहीं दी गई है. नदियां अपने उफान पर है जिसके चलते लोगों में डर का माहौल है.

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पश्चिम मिदनापुर के खड़गपुर 1 नंबर ब्लॉक के रामनगर में का रात फोनी तूफान के चलते कुछ घर क्षतिग्रस्त हो गए. घर में मौजूद लोगो को स्थानीय एक स्कूल में इलाके के लोगों ने पनाह दी. साथ ही फोनी तूफान के चलते कई पेड़ उखड़ गए और कई घरों की छत भी तेज़ तूफान से उड़ गए.

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बांकुड़ा ज़िले में फोनी के तांडवसे एक पुरागांव तबाह हो गया, जिसमे कई घरों को भारी नुकसान पंहुचा. कुछ ही मिनट के इस तूफान ने बांकुड़ा के गंगाजल घाटी ब्लॉक के दुर्लभपुर गांव को तहस-नहस कर दिया. इस गांव में कई घरों के टीन के चाल उड़ गए साथ ही वहां मौजूद काफी पेड़ उखड़ गए. यहां तक कि बिजली के खम्भे भी उखड़ गए जिससे गांव में बिजली चली गई. 

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शुरूआत में बारिश होने से शुक्रवार दोपहर से ही तेज़ हवाएं बहनी शुरू हो गई जो शाम में चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चूका था. कुछ ही मिनट के इस तूफान ने सब कुछ अस्त व्यस्त कर दिया. ग्रामीणों में आतंक का माहौल बन गया. तेज़ हवाओं के चलते घर की छतें उड़ने लगी, कच्चे मकान गिर गए. तूफान इतनी तेज़ था की बिजली के खम्बे उखड़ गए. प्रशासन की तरफ से आश्वासन मिलते के बाद भी कोई भी राहत सामग्री अभी तक ग्रामीणों तक नहीं पहुंची है जिसके चलते लोगो में गुस्सा है. वहीं उत्तर 24 परगना में विद्याधरी नदी और कुलगचि नदी और बीच में बसा संदेशखाली का बोउ ठाकुरानी ग्राम में भी फोनी तूफान ने अपना कहर ढाया और कई घरों को नुकसान पहुंचाया.

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वहीं फोनी के कारण दुर्गापुर के बुद बुद रोड पर एक प्राचीन वट वृक्ष के टूट के गिर जाने से समस्या शुरू हो गई. यह वट वृक्ष एक टैक्सी और साइकिल रिपेयरिंग की दुकान पर जा गिरी. टैक्सी की हालत ख़राब हो गई और साथ ही दुकान भी बर्बाद हो गई. इसके साथ ही बिजली का खम्बा भी उखड़ गया, जिसके चलते पूरे इलाके में बिजली चली गई. बिजली विभाग के कर्मी तत्परता दिखाते हुए बिजली ठीक करने के काम में जुट गए. 

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