कपल को जेल से निकलवाने के लिए दोहा पहंची नारकोटिक्स विभाग की टीम, जानिए क्या है मामला
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कपल को जेल से निकलवाने के लिए दोहा पहंची नारकोटिक्स विभाग की टीम, जानिए क्या है मामला

नारकोटिक्स विभाग (Narcotics Department) ने ड्रग तस्करी (Drug Smuggling) के आरोप में कतर की जेलों में भारतीयों को रिहा करवाने का अभियान शुरू किया है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: नारकोटिक्स विभाग (Narcotics Department) ने ड्रग तस्करी (Drug Smuggling) के आरोप में कतर की जेलों में भारतीयों को रिहा करवाने का अभियान शुरू किया है. इसके लिए विभाग की एक टीम दोहा (Doha) पहुंची है और वहां फंसे भारतीयों की डिटेल जुटा रही है. सगी आंटी ने दिया हनीमून पैकेज का ऑफर

  1. सगी आंटी ने दिया हनीमून पैकेज का ऑफर
  2. बेंगलुरु के होटल में दिया चरस से भरा बैग
  3. कतर की अदालत में दोनों को हुई 10 साल की सजा 

नारकोटिक्स विभाग के मुताबिक मुंबई की रहने वाली ओनिबा कुरैशी नाम की मुंबई की लड़की की शादी शरीक कुरैशी से तय हुई थी. शादी के बाद शरीक की एक सगी आंटी तबस्सुम ने उन्हें कतर घूमने का हनीमून पैकेज दिया. शुरु में शरीक ने मना किया लेकिन बाद में घरवालों के प्रेशर में मान गया.  

बेंगलुरु के होटल में दिया चरस से भरा बैग
दोनों पति पत्नी पहले बेंगलुरु के एक होटल में पहुंचे. वहां पर तबस्सुम उन्हें एक बैग देकर कहा कि यह मानिकचंद का जर्दा है. इसे कतर में किसी को दे देना. शरीक ने पूछा कि कि गोल्ड या कोई गलत चीज तो नही है. आंटी तबस्सुम ने भरोसा दिया कि इसमें जर्दा के अलावा कुछ और नहीं है. 

कतर पुलिस ने बैग में चरस मिलने पर पति-पत्नी को पकड़ा
जैसे ही दोनों कतर एयरपोर्ट पर पहुंचे, इमिग्रेशन विभाग ने दोनों को रोक लिया. उनके बैग से तबस्सुम की दी हुई 4 किलो से ज्यादा चरस बरामद हुई. उन्होंने सफाई देने की कोशिश की कि वह उनकी नहीं है. लेकिन कतर पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और दोनों को अरेस्ट कर लिया. 

कतर की अदालत में दोनों को हुई 10 साल की सजा 
इस घटना की जानकारी मिलने पर शरीक के घरवाले तबस्सुम के पास पहुंचे और दोनों को फंसाने पर भला-बुरा कहा. इसके बाद परिवार वालों ने मुंबई पुलिस से तबस्सुम की शिकायत की तो उसने ड्रग सिंडिकेट के अक पैडलर को अरेस्ट कर मामला रफा दफा कर दिया. इसी बीच कतर की कोर्ट ने दोनों पति-पत्नी को ड्रग तस्करी के आरोप में 10 साल की सजा सुना दी. 

मोबाइल रिकॉर्डिंग से परिवार को मिला सबूत
कुछ समय बाद  घरवालों को शरीक का एक मोबाइल मिला. जिसमें उसकी और तबस्सुम की रिकार्डिग थी. इस रिकॉर्डिंग में वह उसे गलत तरीके से फंसाए जाने पर तबस्सुम से सवाल कर रहा होता है. यह रिकॉर्डिंग मिलने के बाद परिवार वालों को दोनों के छूटने की आस जगी और उन्होंने वकील के जरिए एनसीबी के एनसीबी डायरेक्टर राकेश अस्थाना को शिकायत दी. 

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नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने मामले की जांच के लिए टीम दोहा भेजी
प्राथमिक सबूत देखने के बाद डायरेक्टर को उनकी बातों में सच्चाई नजर आई. जिसके बाद ड्रग तस्करी के आरोप में नए सिरे से मुकदमा दर्ज किया गया. मामले की जांच के लिए पीएस मल्होत्रा के नेतृत्व में टीम बनाई. यही टीम अब शरीक और उनकी पत्नी समेत बाकी बेगुनाह लोगों को जेल से छुड़वाने के लिए कतर पहुंची है. वह इस काम के लिए भारतीय दूतावास समेत अन्य कानूनी एजेंसियों की भी मदद ले रही है.

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