जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि हर बोर्ड स्वायत्त है इसलिए अदालत ऐसे किसी प्रोटोकॉल को मानने का निर्देश नहीं दे सकती.
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि पूरे भारत में सभी स्टेट बोर्ड्स के असेसमेंट के लिए कोई यूनिफॉर्म स्कीम नहीं हो सकती. कोर्ट ने कहा कि देश के सभी राज्य बोर्डों के लिए यूनिफॉर्म स्कीम यानी समान मूल्यांकन नीति बनाना असंभव है.
जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि हर बोर्ड स्वायत्त है इसलिए अदालत ऐसे किसी प्रोटोकॉल को मानने का निर्देश नहीं दे सकती.
जस्टिस खानविलकर ने कहा कि हम पूरे देश के छात्रों के लिए समान योजना बनाने का निर्देश नहीं दे सकते हैं. हर एक बोर्ड को अपनी योजना तैयार करनी होगी.
Supreme Court says there can't be a uniform scheme for assessment for all state boards across India. SC refuses to pass such order while hearing a plea seeking cancellation of class XII examination pic.twitter.com/MF54qzhowL
— ANI (@ANI) June 24, 2021
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी उन याचिकाओं को लेकर की है, जिनमें आंध्र प्रदेश और केरल बोर्ड के बारहवीं के बोर्ड एग्जाम्स को रद्द करने की मांग की गई थी.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश बोर्ड से उस निर्णय को लेकर भी सवाल किया जिसमें बारहवीं की परीक्षा को आयोजित करने की बात कही गई है. कोर्ट ने कहा कि राज्य का 'एक निर्णय और एक ठोस योजना' होनी चाहिए.
इसके साथ ही कोर्ट ने बारहवीं की परीक्षा को रद्द करने की एक याचिका को भी ठुकरा दिया. साथ ही राज्य सरकारों को निर्देश दिए कि वो 10 दिन के भीतर असेसमेंट स्कीम के बारे में सूचित करें और इंटरनल असेसमेंट्स के रिजल्ट्स 31 जुलाई तक घोषित करें. ठीक वैसे ही जैसी टाइमलाइन सीबीएसई (CBSE) और आईसीएसई (ICSE) बोर्ड के लिए रखी गई है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इंटरनल असेसमेंट 10 दिनों के भीतर पूरा हो जाना चाहिए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में आंध्र प्रदेश और केरल सरकार के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें बोर्ड एग्जाम्स कंडक्ट करने की बात कही गई है. आंध्र प्रदेश और केरल बोर्ड ने बारहवीं के एग्जाम कैंसिल नहीं किए हैं जबकि कई दूसरे राज्यों ने बोर्ड एग्जाम कैंसिल कर दिए हैं.