Kargil War: 18 ग्रेनेडियर्स और टाइ‍गर हिल की कहानी, जंग जीतने वाले जांबाजों की जुबानी
Advertisement
trendingNow12322417

Kargil War: 18 ग्रेनेडियर्स और टाइ‍गर हिल की कहानी, जंग जीतने वाले जांबाजों की जुबानी

Tiger Hill and 18 grenadires: ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) खुशाल ठाकुर के मुताबिक तीन जुलाई 1999 की रात को 18 ग्रेनेडियर्स के जवानों ने टाइगर हिल पर कब्जा जमाने के अपने अभियान की शुरुआत की और अगली सुबह तक अपने अभियान में कामयाबी हासिल की. ठाकुर ने तोलोलिंग और टाइगर हिल की अहम लड़ाइयों के दौरान इस बटालियन की कमान संभाली थी.

Kargil War: 18 ग्रेनेडियर्स और टाइ‍गर हिल की कहानी, जंग जीतने वाले जांबाजों की जुबानी

Operation Vijay: 1999 में हुई कर‍गिल की जंग के इस साल 26 जुलाई को 25 साल पूरे हो रहे हैं. उससे पहले उसी महीने की चार जुलाई को ऐसी घटना घटी जिसके बाद ऊंचाई पर मौजूद दुश्‍मनों के छक्‍के भारतीय जांबाजों ने छुड़ा दिए थे. उस वक्‍त लेफ्टिनेंट बलवान सिंह को सेना में शामिल हुए महज चार महीने हुए थे लेकिन उन्‍होंने टाइगर हिल पर पाकिस्‍तानी घुसपैठियों के हमले में भारतीय सेना की घातक रेजीमेंट 18 ग्रेनेडियर्स की एक टोली का नेतृत्‍व करके चार जुलाई, 1999 को टाइगर हिल पर तिरंगा लहराने में कामयाबी हासिल की. वहीं से जंग का रुख बदल गया. वह अब प्रसिद्ध '18 ग्रेनेडियर्स' के कर्नल हैं. दुश्मन से लड़ते वक्त घायल होने के बावजूद मुकाबला जारी रखने वाले सिंह ने याद किया, 'वहां से फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.' उन्हें उनकी बहादुरी के लिए महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था.

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) खुशाल ठाकुर के मुताबिक तीन जुलाई 1999 की रात को 18 ग्रेनेडियर्स के जवानों ने टाइगर हिल पर कब्जा जमाने के अपने अभियान की शुरुआत की और अगली सुबह तक अपने अभियान में कामयाबी हासिल की. ठाकुर ने तोलोलिंग और टाइगर हिल की अहम लड़ाइयों के दौरान इस बटालियन की कमान संभाली थी.

उन्‍होंने कहा, '12-13 जून 1999 को हमने तोलोलिंग जीता और यह इस युद्ध में महत्वपूर्ण विजय थी. इसने हमारे सशस्त्र बलों तथा देशवासियों का मनोबल ऊंचा किया और पाकिस्तानी सैनिकों का मनोबल गिराया. एक-एक करके हम मुश्को या बटालिक सेक्टर की चोटियों पर कब्जा करते गए और हमारा अगला लक्ष्य टाइगर हिल था.' 

उन्होंने कहा, 'टाइगर हिल के लिए मेरे पास टोह लेने का पर्याप्त समय था. मेरे पास तोपखाने की बंदूकें, मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर और ऊंचाई पर लड़ने के लिए आवश्यक युद्ध उपकरण थे. तमाम क्षति के बावजूद 18 ग्रेनेडियर्स के हमारे जवानों का मनोबल ऊंचा था और हमारे जांबाज सैनिकों ने टाइगर हिल पर कब्जा जमा लिया, उसकी चोटी पर भारतीय ध्वज फहराया.' 

कर्नल सचिन अन्नाराव निम्बालकर को युद्ध के दौरान उनकी वीरता के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. वह युद्ध के दौरान 18 ग्रेनेडियर्स के कैप्टन के तौर पर काम कर रहे थे तथा उस वक्त करीब 23 वर्ष के थे. कर्नल निम्बालकर ने भारतीय सैन्य अकादमी में उनके साथ रहे और टाइगर हिल लड़ाई के नायक कैप्टन मनोज पांडे को उनकी पुण्यतिथि पर नई दिल्‍ली में राष्ट्रीय समर स्मारक पर श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा, 'यदि मैं अपनी यूनिट 18 ग्रेनेडियर्स की बात करूं तो हम बहादुर थे. दो अधिकारियों, दो जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) और अन्य रैंक के 30 अधिकारियों ने इस युद्ध में अपनी जान न्योछावर कर दी और कई अन्य घायल हो गए और कुछ जीवनभर के लिए दिव्यांग हो गए.'

उन्होंने कहा, 'हमारे मन में मिली-जुली भावनाएं हैं. उपलब्धि का एहसास तो है लेकिन इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. आज हम सभी के लिए हमारे नायकों के प्रयासों और बलिदान को सामूहिक रूप से नमन करने का दिन है.' 

18 ग्रेनेडियर्स
इस बीच प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने टाइगर हिल पर कब्जा करने के 25 साल पूरे होने के मौके पर गुरुवार को दिल्‍ली के मानेकशा सेंटर में आयोजित एक समारोह में हिस्सा लिया. उन्होंने सेना के अधिकारियों, जेसीओ और 18 ग्रेनेडियर्स के जवानों को संबोधित किया. जनरल चौहान ने कहा, 'देश के लोगों को हमारी (सेना की) क्षमताओं पर भरोसा है और उसी के कारण हमारी यह अपार प्रतिष्ठा है. जो विरासत आपको सौंपी गई है वह हमारे पूर्वजों द्वारा अर्जित की गई है. हो सकता है कि हमने प्रत्यक्ष योगदान न दिया हो लेकिन हम उसका फल प्राप्त कर रहे हैं.' 

जनरल चौहान ने '18 ग्रेनेडियर्स' बटालियन के सदस्यों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने उन 'वीर नारियों' को भी शुभकामनाएं दीं जिनके बेटों या पति ने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. '18 ग्रेनेडियर्स' की स्थापना 1976 में हुई थी और इसने युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. इस बटालियन को परम वीर चक्र, दो महावीर चक्र, छह वीर चक्र, सात सेना पदक और थल सेनाध्यक्ष से प्रशस्ति पत्र समेत 52 सम्मानों से नवाजा गया.

भारतीय सेना 26 जुलाई को करगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाएगी. करगिल में इस महीने होने वाले मुख्य समारोह से पहले कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं.

(न्‍यूज एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Trending news