शुक्रवार सुबह फुटबॉल के साथ संसद पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के सांसद प्रसून बनर्जी ने फुटबॉल खेलें, दुनिया को देखें, सज्जन बनें और दुनिया भर में राष्ट्रीय ध्वज का ऊंचाई तक पहुंचाए का संदेश दिया है.
Trending Photos
नई दिल्ली: लोकतंत्र के मंदिर संसद में वैसे तो हमेशा राजनीति की ही बाजी खेली जाती है, लेकिन शुक्रवार को यहां इस खेल का एक अलग रंग दिखाई दिया. दरअसल, शुक्रवार सुबह संसद पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के सांसद प्रसून बनर्जी अपनी फुटबॉल के साथ नजर आए. संसद परिसर पर स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति के करीब पहुंचते ही, उन्होंने फुटबॉल के साथ खेलना शुरू कर दिया. काफी देर तक वे फुटबॉल के साथ तरह-तरह के करतब वहां मौजूद लोगों को दिखाते रहे.
संसद भवन में मौजूद जी न्यूज की टीम ने जब सांसद प्रसून बनर्जी से इस प्रदर्शन के पीछे की असल वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि फुटबॉल खेलें, दुनिया को देखें, सज्जन बनें और दुनिया भर में राष्ट्रीय ध्वज का ऊंचाई तक पहुंचाए. उन्होंने कहा कि मैं और मेरे मित्र गौतम सरकार, भारत को फुटबॉल वर्ल्ड में खेलते देखना चाहते है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने मैंने शपथ ली है कि इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए पूरी हिम्मत और निष्ठा के साथ कोशिश करते रहेंगे.
प्रधानमंत्री से करेंगे फुटबॉल को बढ़ावा देने की मांग
टीएमसी सांसद प्रसून बनर्जी ने कहा कि वह फुटबॉलर्स के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. मुलाकात के दौरान, वह प्रधानमंत्री से मांग करेंगे कि फुटबॉल को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान, उनका मकसद राजनीति कम, स्पोर्ट्स ज्यादा और फुटबॉल ज्यादा होगा.
चैंपियन टीम को दी मोहन बगान क्लब की जर्सी
इस दौरान, टीएमसी सांसद प्रसून बनर्जी ने इंटर मिनिस्टीरियल टूर्नामेंट के चैंपियन टीम को मोहन बगान क्लब की जर्सी उपहार स्वरुप भेंट कर उनका सम्मान भी किया. उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट टीम चाहती थी कि वे देश के पहले फुटबॉल क्लब मोहन बगान की जर्सी पहन कर खेंले. उनकी इस इच्छा को पूरी करने के लिए उन्होंने गौतम सरकार ने जर्सी ऑर फुटबॉल चैंपियन टीम को गिफ्ट किया है.
सांसद प्रसून बनर्जी को मिल चुका है अर्जुन अवार्ड
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की हाबड़ा संसदीय सीट से प्रसून बनर्जी को तीन बार सांसद चुना गया है. 1979 में भारत सरकार द्वारा उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था. वे कप्तान इंडियन नेशनल फुटबॉल टीम का इंटरनेशनल टूर्नामेंट में नेतृत्व कर चुके हैं.
(विशेष इनपुट: ज्योर्तिमय मरमाकर)