Puja Khedkar: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की कहानी में नया ट्विस्ट, 2007 में थीं फिट; फिर अब कहां से आया दिव्यांगता प्रमाण पत्र
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Puja Khedkar: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की कहानी में नया ट्विस्ट, 2007 में थीं फिट; फिर अब कहां से आया दिव्यांगता प्रमाण पत्र

Puja Khedkar Case:सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए पूजा खेडकर ने विकलांगता प्रमाण पत्र जमा किया था, जबकि 2007 में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के दौरान उनके मेडिकल सर्टिफिकेट में दिव्यांगता का जिक्र नहीं था. इसके बाद सवाल उठने लगा है कि जब पूजा साल 2007 में फिट थीं, तो अब अनफिट कैसे हो गईं.

Puja Khedkar: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की कहानी में नया ट्विस्ट, 2007 में थीं फिट; फिर अब कहां से आया दिव्यांगता प्रमाण पत्र

Puja Khedkar Medical Certificate: विवादों में घिरी महाराष्ट्र कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (Puja Khedkar) लगातार सुर्खियों में हैं. पूजा खेडकर को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं और ताजा मामला उनके मेडिकल फिटनेस को लेकर है. बताया जा रहा है कि पूजा खेडकर ने साल 2007 में पुणे के काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लिया था. दाखिले के वक्त NT-3 श्रेणी का गैर-क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र जमा कराया था. बताया जा रहा है दाखिले के दौरान पूजा ने अपना मेडिकल प्रमाण पत्र भी कॉलेज को सौंपा था और मेडिकल सर्टिफिकेट के मुताबिक वो मेडिकल रूप से पूरी तरह फिट थीं. सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए उन्होंने विकलांगता प्रमाण पत्र जमा किया था. इसके बाद सवाल उठने लगा है कि जब पूजा साल 2007 में फिट थीं, तो अब अनफिट कैसे हो गईं.

मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर ने किया खुलासा

विवादों में घिरीं ट्रेनी आईएएस डॉ. पूजा खेडकर की मेडिकल रिपोर्ट पर पुणे के काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. अरविंद भारे ने बताया कि 2007 में जब पूजा ने एमबीबीएस के लिए दाखिला लिया था, तब मेडिकल रिपोर्ट में खुद को फिट बताया था. उन्होंने कहा, 'हमारे कॉलेज में 2007 में एडमिशन लेने के दौरान पूजा खेडकर ने जो मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट जमा कराए थे उसमें शारीरिक या मानसिक, किसी तरह की दिव्यांगता का उल्लेख नहीं किया गया था. उन्होंने जमा किए गए अपने प्रमाणपत्र में उल्लेख किया था कि वह घुमंतू जनजाति और वंजारी समुदाय से हैं. उन्होंने जाति प्रमाणपत्र और 'गैर क्रीमी लेयर' प्रमाणपत्र जमा किया था.' बता दें कि 2007 के सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर के विकलांग होने का जिक्र नहीं है और सर्टिफिकेट के मुताबिक वो फिट थीं. जबकि, यूपीएससी में उन्होंने दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया था और उन्होंने खुद को कथित तौर पर शारीरिक रूप से दिव्यांग बताया था. 2007 में पिता के आईएएस होते हुए पूजा ने ओबीसी और नॉन क्रीमीलेयर के प्रमाण पत्र जमा किए थे.

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पुणे जिला अस्पताल ने कर दिया था सर्टिफिकेट देने से मना

ये भी बताया जा रहा है कि ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने पुणे जिला सिविल अस्पताल से विकलांगता का प्रमाण पत्र भी हासिल करने की कोशिश की थी. लेकिन, उनकी मेडिकल जांच के बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें विकलांगता का सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था. इसके बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर पूजा ने फिर विकलांगता सर्टिफिकेट कहां से हासिल किया. महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर अपने पद का दुरुपयोग करने, सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी विकलांगता और जाति प्रमाण पत्र जमा करने के आरोप हैं.

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OBC सर्टिफिकेट पर पूजा खेडकर ने तोड़ी चुप्पी

यूपीएससी में ओबीसी सर्टिफिकेट देने पर ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि दोषी साबित होने तक मैं निर्दोष हूं. इसके साथ ही उन्होंने मीडिया ट्रायल को गलत बताया है. कथित तौर पर फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट के आधार पर सिविल सर्विस में चयनित होने के आरोपों का सामना कर रहीं हैं. इस मामले में पहली बार उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि आरोपी बनाए जाने से पहले ही मीडिया ट्रायल चलाना बिल्कुल
गलत है और इसके जरिए किसी को दोषी साबित करना भी गलत है.

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