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Uddhav Thackeray announces resignation: महाराष्ट्र में बीते 9 दिनों से सत्ता का संघर्ष जारी है. एकनाथ शिंदे के बागी हो जाने के बाद से महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया है. उद्धव ठाकरे को अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए नाकों चने चबाने पड़े. सारा सियासी खेल अब सीटों की गणित पर आकर टिक गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फ्लोर टेस्ट तय करने वाला था कि महाराष्ट्र की सत्ता पर उद्धव काबिज रहेंगे या एकनाथ शिंदे गुट किसी और दल के साथ मिलकर राज्य में नई सरकार बनाएगा. लेकिन इससे पहले उद्धव ठाकरे ने इस्तीफे का ऐलान कर सभी को चौंका दिया. आइये आपको बताते हैं महाराष्ट्र में 20 जून से जारी सियासी संघर्ष की अब तक की हर अहम कड़ी के बारे में...
Maharashtra Political Crisis Timeline:
-20 जून को विधान परिषद के चुनाव हुए और चुनाव के तुरंत बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे गायब हो गए और फिर उनके लोकेशन के बारे में किसी को पता नहीं चल सका.
-नाटकीय ढंग से यह खबर सामने आई कि एकनाथ शिंदे 11 विधायकों के साथ भाजपा शासित राज्य गुजरात के सूरत शहर में ठहरे हुए हैं.
-अगले दिन उद्धव ठाकरे ने अपने सभी विधायकों के साथ बैठक बुलाई. इसके बाद शिवसेना के 10-12 और विधायक महाराष्ट्र में नहीं थे.
-एकनाथ शिंदे को शिवसेना पार्टी के व्हिप के पद से हटा दिया गया.
-शिवसेना ने अधिक विधायकों को न खोने के डर से अपने बाकी विधायकों को मुंबई के कई अलग-अलग होटलों में रखा.
-एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से एमवीए गठबंधन तोड़ने और भाजपा के साथ सरकार बनाने को कहा.
-शिंदे ने दावा किया कि उनके पास 40 से अधिक विधायकों का समर्थन है.
-शिंदे को भारत में दलबदल विरोधी कानूनों के तहत अयोग्य ठहराए जाने से बचने के लिए 37 से अधिक विधायकों (55 की कुल संख्या का दो-तिहाई) के समर्थन की आवश्यकता थी.
-22 जून को शिंदे 40 विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी पहुंच गए.
-उसी दिन शाम को उद्धव ठाकरे ने घोषणा की कि वह गठबंधन के नेता और मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ने को तैयार हैं.
-इसके बाद उन्होंने परिवार के साथ आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास वर्षा को छोड़ दिया और अपने निजी आवास मातोश्री शिफ्ट हो गए.
-शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भाजपा पर शिवसेना के भीतर विद्रोह करने और एमवीए गठबंधन सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया.
-23 जून को शिंदे और 37 विधायकों ने शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता घोषित कर दिया.
-24 जून को, शिवसेना ने बागी विधायकों के खिलाफ एक याचिका दायर की और मांग की कि महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जीरवाल शिंदे खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करें. जीरवाल ने शिवसेना नेताओं से मुलाकात की और बाद में कानूनी राय के लिए महाराष्ट्र के महाधिवक्ता से भी मुलाकात की.
-भाजपा का समर्थन कर रहे दो निर्दलीय विधायकों ने जीरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया. 34 विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित इस अविश्वास मत को जीरवाल ने खारिज कर दिया क्योंकि याचिका एक गुमनाम ई-मेल के माध्यम से भेजी गई थी.
-उसी दिन एकनाथ शिंदे ने कथित तौर पर गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गुजरात के वडोदरा में मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में एमवीए सरकार को गिराने के लिए विलय या गठबंधन की योजना पर चर्चा हुई.
-26 जून को शिंदे ने डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास मत की अस्वीकृति पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
-27 जून को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई 11 जुलाई को रखी और डिप्टी स्पीकर जीरवाल को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बारे में एक विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.
-28 जून को सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार बचाने के लिए विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से दो बार मुलाकात की थी.
-उदय सामंत ने स्पष्ट किया कि वह पिछले कुछ दिनों से शिवसेना पार्टी को कमजोर करने के लिए सहयोगी दलों द्वारा रची जा रही साजिश से तंग आकर गुवाहाटी पहुंचे.
-इस बीच यह भी सामने आया कि बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए पर्दे के पीछे से काम कर रही है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट ने संभावित कैबिनेट पर चर्चा भी की है. भाजपा में 28 कैबिनेट मंत्री होंगे, जिसमें 18 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री शामिल होंगे. सूत्रों ने बताया कि शिंदे गुट को छह कैबिनेट पद और छह राज्य मंत्री दिए जाएंगे.
-पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भाजपा प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल से मिले और फ्लोर टेस्ट की मांग की थी.
-बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को फ्लोर टेस्ट का आदेश दे दिया. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के कुछ देर बाद ही उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया.
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