शरद पवार की एक सलाह.. और बैकफुट पर आ गए उद्धव! बॉम्बे हाईकोर्ट ने ही बिगाड़ दिया प्लान
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शरद पवार की एक सलाह.. और बैकफुट पर आ गए उद्धव! बॉम्बे हाईकोर्ट ने ही बिगाड़ दिया प्लान

Maharashtra Bandh: उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र बंद आह्वान के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसी याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बंद को अवैध घोषित कर दिया और राज्य सरकार को ऐसा होने पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश भी दे दिया.

शरद पवार की एक सलाह.. और बैकफुट पर आ गए उद्धव! बॉम्बे हाईकोर्ट ने ही बिगाड़ दिया प्लान

Uddhav Thackrey News: इस समय देशभर में रेप केस जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आ रही हैं, साथ ही इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. इसी कड़ी में महाराष्ट्र के बदलापुर कांड के विरोध में उद्धव ठाकरे ने शनिवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया लेकिन उनका पूरा प्लान ही चौपट हो गया. पहले तो बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस पर टिप्पणी की और फिर इसके बाद शरद पवार ने सलाह दे दी. इस पूरे मामले की क्रोनोलॉजी ऐसे समझिए कि उद्धव ठाकरे को अपने ही ऐलान से पीछे हटना पड़ रहा है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र बंद वापस ले रहा हूं, लेकिन काला रिबन जरूर बांधूंगा.

कोर्ट के बाद शरद पवार की अपील

असल में उद्धव ठाकरे के आह्वान के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसी याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बंद को अवैध घोषित कर दिया और राज्य सरकार को ऐसा होने पर कानूनी कार्रवाई करने का आदेश भी दे दिया. फिर इसके बाद शरद पवार ने महाविकास अघाड़ी के नेताओं से इसे वापस लेने की अपील कर डाली. 

उद्धव ने क्या कहा था?

इससे पहले उद्धव ठाकरे ने बदलापुर के एक स्थानीय स्कूल में दो बच्चियों के कथित यौन शोषण के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की शुक्रवार को मांग की और आगाह किया कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो विपक्ष सड़कों पर उतरेगा. ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (एमवीए) द्वारा 24 अगस्त को आहूत महाराष्ट्र बंद राजनीतिक नहीं है बल्कि यह दुष्कृत्य के खिलाफ है और उन्होंने लोगों से जाति एवं धर्म से ऊपर उठकर इसमें भाग लेने का आग्रह किया. 

उन्होंने दावा किया था कि यह बंद राज्य के लोगों की ओर से किया जाएगा. ठाकरे ने बदलापुर विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि बदलापुर में अब भी गिरफ्तारियां हो रही हैं. प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाने चाहिए, अन्यथा हमें सड़कों पर उतरना पड़ेगा.

बता दें कि बदलापुर में एक स्कूल के शौचालय में चार वर्षीय दो बच्चियों का एक पुरुष सहायक द्वारा कथित यौन उत्पीड़न किये जाने की घटना के बाद हजारों प्रदर्शनकारी मंगलवार को सड़कों पर उतर आए थे और उन्होंने बदलापुर रेलवे स्टेशन की पटरियों को अवरुद्ध कर दिया था. विरोध प्रदर्शन के दौरान रेलवे स्टेशन और बदलापुर के अन्य हिस्सों में पथराव की घटनाओं में शहर पुलिस के कम से कम 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 72 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 26 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है.

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