Unclaimed Money: देश के बैंकों में अरबो रुपये की ऐसी धनराशि पड़ी है, जिसे लेने वाला कोई नहीं है. RBI अब ऐसी धनराशि के वास्तविक मालिकों का पता लगाने के लिए अभियान शुरू करने जा रहा है.
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Unclaimed Money: महंगाई के दौर में हम एक एक रुपये बचाने की पूरी कोशिश करते हैं. देश का हर व्यक्ति अपने स्तर पर बचत का प्रयास करता है और ये बचत किसी भी रूप में हो सकती है. हममें से कई लोग म्यूचुअल फंड, शेयर मार्केट, बीमा और ऐसी ही दूसरी योजनाओं में निवेश करते हैं. जबकि कई लोग गहनों और जमीनों को निवेश का सबसे अच्छा तरीका मानते हैं.
इसी तरह बैंक खातों में जमा धनराशि पर मिलने वाला ब्याज भी बचत का ही एक जरिया है. ज्यादातर लोग अपने निवेश और अपनी पूंजी के लिए बेहद सर्तक होते हैं और उसका बेहतर इस्तेमाल करने का प्रयास भी करते हैं.
बैंकों में अरबों रुपये की अनक्लेम्ड मनी मौजूद
अगर हम आपसे कहें कि देश के बैंकों में अरबों रुपये की ऐसी धनराशि (Unclaimed Money) मौजूद है जिसका कोई वारिस ही नहीं है. यानी ये धनराशि unclaimed है और इसके मालिक इसे वापस ही नहीं लेना चाहते और इसलिए अब रिजर्व बैंक (RBI) एक अभियान चला कर ऐसे लोगों का पता लगाएगा और फिर उन तक ये राशि वापस पहुंचाई जाएगी. अब हम बैंकों में जमा इसी अनक्लेम्ड मनी का विश्लेषण करेंगे और आपको बताएंगे कि ये पैसा कहां से आया, किसका है और ऐसा क्यों होता है कि कोई व्यक्ति अपना पैसा जमा कर भूल जाए, उसे लेने ही न आए.
RBI की रिपोर्ट के अनुसार भारत में वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों में जमा 'Unclaimed Money' बढ़ कर 48 हज़ार 262 करोड़ रुपए तक पहुंच गई. ये राशि कितनी ज्यादा है, इसका अनुमान आप इसी से लगा सकते हैं कि ये त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम, अरुणालच प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम और गोवा जैसे राज्यों के सलाना बजट से भी काफी ज्यादा है. इतनी बड़ी राशि हमारे बैंकों में लावारिस की तरह पड़ी है.
RBI के अनुसार बैंकों में जमा बिना दावे की राशि लगातार बढ़ती जा रही है. वर्ष 2020-21 में बैंकों में 39 हजार 264 करोड़ रुपये की 'Unclaimed Money' जमा थी. थोड़ा और पीछे जाएं तो वर्ष 2019-20 में बैंकों में इस तरह के 24 हजार 356 करोड़ रुपए जमा थे.
जबकि वर्ष 2018-19 में 18 हज़ार 380 करोड़, वर्ष 2017-18 में कुल 14 हज़ार 307 करोड़ और वर्ष 2016-17 में कुल 11, 320 करोड़ की रुपये की 'Unclaimed Money' बैंकों में जमा थी.
बढ़ती जा रही है Unclaimed Money की रकम
यानी इन पांच वर्षों में बैंकों में जमा 'Unclaimed Money' में 36 हज़ार 942 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी हो गई. ये रकम करीब सवा चार गुना तक बढ़ गई.
RBI के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा बिना दावे वाली राशि सरकारी क्षेत्र यानी पब्लिक सेक्टर के बैंकों में जमा है. वर्ष 2005 में जहां पब्लिक सेक्टर बैंकों में कुल 835 करोड़ रुपये की 'Unclaimed Money' जमा थी. वहीं वर्ष 2019-20 में ये राशि बढ़कर 14 हजार 970 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी थी.
इसमें भी सबसे ज्यादा बिना दावे वाली राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा है. वर्ष 2020 तक SBI में करीब 1 करोड़ 31 लाख ऐसे खाते थे, जिनका कोई वारिस नहीं था. इन खातों में 3 हज़ार 570 करोड़ रुपये की 'Unclaimed Money' जमा थी. इस लिस्ट में बैंक ऑफ बड़ौदा दूसरे नंबर पर आता है. वर्ष 2020 तक BOB के पास 2 हजार 870 करोड़ की बिना दावे वाली राशि मौजूद थी. यहां आपको ये जानना चाहिए SBI देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है. देश के छोटे-छोटे शहर, गांव में इसके branch है.
प्राइवेट सेक्टरों के बैंकों की स्थिति भी अलग नहीं
प्राइवेट सेक्टर बैंकों की स्थिति भी ज्यादा अलग नहीं है. वर्ष 2005 में जहां Private Sector Banks में 52 करोड़ 73 लाख रुपये की 'Unclaimed Money' जमा थी. वहीं वित्त वर्ष 19-20 में ये राशि बढ़कर 2 हज़ार 470 करोड़ तक पहुंच गई थी.
अब आपको बताते हैं कि 'Unclaimed Money' की सरकारी परिभाषा क्या है और कोई राशि को बैंक 'Unclaimed Money' कब घोषित करता है. RBI के नियमों के अनुसार, जब किसी प्रकार से सेविंग्स या करंट एकाउंट्स में 10 साल तक किसी भी प्रकार का लेन देन नहीं किया जाता तो उसमें जमा धनराशि को 'Unclaimed यानी बिना दावे की राशि कहा जाता है. इसी तरह किसी भी प्रकार का ऐसा फिक्स डिपॉजिट, जिसके मैच्योर होने के 10 साल बाद भी उसके मालिक या मालिक की तरफ़ से कोई दावा नहीं करता तो वो राशि भी 'Unclaimed Money' मानी जाती है.
अब यहां समझने वाली एक बात ये भी है कि भले ही इस धनराशि का कोई दावेदार न हो, लेकिन RBI के नियमों के अनुसार बैंक इस प्रकार के निष्क्रिय खातों में जमा धनराशि पर ब्याज चुकाने के लिए मजबूर हैं. यानी इन खातों में जमा राशि पर लगातार ब्याज मिलता रहता है और ये रकम बढ़ती रहती है.
निष्क्रिय बैंक खातों को दोबारा ऐसे कराएं एक्टिव
अब हम आपको ये बताएंगे कि अगर आपका खाता भी निष्क्रिय हो चुका है और उसमें कोई राशि जमा है तो आप उसे दोबारा कैसे हासिल कर सकते हैं. इसके लिए आपको सबसे पहले अपने बैंक जाना चाहिए. वहां आपको जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर उस खाते को दोबारा से एक्टिव करवा कर ब्याज समेत वो धनराशि निकलवा सकते हैं. अगर आपको जरूरत नहीं है तो आप उस खाते को बंद भी करवा सकते हैं.
RBI के निर्देश के अनुसार सभी बैंक इस तरह के खाताधारियों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं. अगर आपका भी ऐसा कोई खाता निष्क्रिय पड़ा है और आपको उसकी जरूरत नहीं है, तो बेहतर है कि आप उसे बंद करवा दें. अगर आप अपना खाता खुलवाते हैं तो उसमें नॉमिनी भी जरूर बनाएं, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर आपका खाता निष्क्रिय न हो जाए और उसमें जमा आपकी गाढ़ी कमाई 'Unclaimed Money' न बन जाए.
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