जम्मू-कश्मीर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की अहम बैठक आज, सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी होंगे शामिल
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जम्मू-कश्मीर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की अहम बैठक आज, सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी होंगे शामिल

Union Home Ministry Meeting: जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा और आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपेरशन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की आज अहम बैठक होने वाली है, जिसमें सीआरपीएफ (CRPF) के डीजी समेत सुरक्षा एजेंसियों के कई अधिकारी शामिल होंगे.

जम्मू-कश्मीर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की अहम बैठक होगी.

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा और आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपेरशन को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की आज अहम बैठक होने वाली है. आज (7 अक्टूबर) दोपहर 12 बजे गृह मंत्रालय में होने वाली बैठक में सीआरपीएफ (CRPF) के डीजी समेत सुरक्षा एजेंसियों के कई अधिकारी शामिल होंगे. इसके अलावा बैठक में आईबी चीफ और अर्धसैनिक बलों के अधिकारी मौजूद होंगे.

  1. आतंकी गतिविधियों पर दोपहर 12:30 बजे बैठक होगी
  2. बैठक में सभी सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे
  3. बैठक में आम लोगों पर आतंकी हमले पर होगी चर्चा

बैठक में इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

आंतकियों की तरफ से आम लोगों को टारगेट किए जाने के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) की अहम बैठक होने वाली है. बैठक में जम्मू-कश्मीर की आम जनता सुरक्षा के अलावा आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन्स को लेकर चर्चा हो सकती है.

घाटी में 90 मिनट में तीन लोगों की हत्या

कश्मीर घाटी में मंगलवार (5 अक्टूबर) को संदिग्ध आतंकवादियों ने 90 मिनट के भीतर तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इकबाल पार्क क्षेत्र में श्रीनगर की प्रसिद्ध फार्मेसी के मालिक माखनलाल बिंदरू की उनके व्यावसायिक परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके अलावा केंद्रशासित प्रदेश में दो अन्य लोगों की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिनमें से एक बिहार का रहने वाला था और गोलगप्पे-भेलपूरी बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाता था.

द रेसिस्टेंस फोर्स ने ली हमले की जिम्मेदारी

आतंकी संगठन 'द रेसिस्टेंस फोर्स' (TRF) ने मंगलवार को हुए इन हमलों की जिम्मेदारी ली, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन माना जाता है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हमलावरों ने शाम करीब सात बजे माखनलाल बिंदरू (68) को उस समय नजदीक से गोली मार दी, जब वह अपनी फार्मेसी में थे. उन्होंने कहा कि बिंदरू को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कश्मीरी पंडित समुदाय से बिंदरू उन कुछ लोगों में शामिल थे, जिन्होंने 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद शुरू होने के बाद पलायन नहीं किया. वह अपनी पत्नी के साथ यहीं रहे और लगातार अपनी फार्मेसी 'बिंदरू मेडिकेट' को चलाते रहे.

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