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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में स्थानीय चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान कई जगह हिंसा देखने को मिली. इन सबके बीच सूबे से एक विचलित करने वाला वीडियो भी सामने आया, जिसमें एक महिला के साथ मारपीट होता नजर आ रहा है. वायरल वीडियो में नजर आ रहा है कि महिला की साड़ी को दो पुरुष खींच रहे हैं. जिस महिला पर हमला किया गया, वह अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी (SP) की समर्थक बताई जा रही है.
महिला प्रखंड पंचायत चुनाव (Block Panchayat Election) के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने वाली एक उम्मीदवार के साथ पहुंचीं थीं. यह वाकया प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 130 किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले में हुआ. इस संबंध में पुलिस अफसर प्रशांत कुमार ने बताया कि एक दर्जन से ज्यादा जगहों से हिंसा की खबरें आईं हैं. बता दें कि शनिवार को 825 ब्लॉक प्रमुखों या स्थानीय पंचायत नेताओं के लिए मतदान होगा.
समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि महिला पर हमला भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया. सत्ता के भूखे. योगी के गुंडे. भाजपा ने ‘लोकतंत्र का गला घोंटा'
कई जिलों में बीजेपी प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए हैं, लेकिन नामांकन के दौरान जो कुछ हुआ वो बेहद ही हैरान करने वाला था. ब्लॉक प्रमुख के लिए नामांकन के दौरान कई जगहों से हिंसा की तस्वीर सामने आई. अलीगढ़ के थाना इगलास इलाके में ब्लॉक प्रमुख के नामांकन के दौरान समाजवादी पार्टी के नेताओं की पुलिस से झड़प हो गई. झड़प के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे. वहीं हरदोई से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच ही कहासुनी हो गई. दरअसल, समाजवादी पार्टी नेता बीजेपी पर आरोप मढ़ रहे थे, इसी बीच किसी बात को लेकर पार्टी के दो नेता आपस में भिड़ गए.
यूपी में कई जगहों पर हुई हिंसा हुई. जो नेता खुद को लोकतंत्र का सिपाही कहते हैं, उन्होंने और उनके समथकों ने लोकतंत्र को जगह-जगह ठोकतंत्र में बदल दिया. यूपी में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के लिए कल (8 जुलाई) पर्चा भरने का आखिरी दिन था और नामांकन के दौरान कई जगह जमकर हिंसा हुई. कई राउंड फायरिंग हुई. कहीं मीडिया पर पत्थरबाजी हुई, कहीं अलग-अलग पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता इतने हिंसक हो गए कि हथगोले तक चले.
मैनपुरी में विधायक को ही अपनी रक्षा के लिए पुलिस बुलानी पड़ी. उनकी गाड़ी तोड़ दी गई. उनके खिलाफ हिंसा-हंगामा इसलिए हुआ, क्योंकि वो ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी के साथ पर्चा लेने के लिए पहुंचे थे और तभी हिंसक उत्पात शुरु हो गया. आरोप है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के हमले में समाजवादी पार्टी के विधायक के लिए जान बचाना भी मुश्किल हो गया. यही स्थिति कन्नौज की थी, जहां ब्लॉक प्रमुख के लिए नामांकन करने गए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और उनके प्रस्तावक के साथ जमकर मारपीट हुई. पुलिस के सामने ही डंडों और सरियों से हमले हुए. हिंसा के वक्त पुलिस साइलेंट मोड पर चली गई और हिंसा से पत्रकार भी नहीं बचे.
यही हाल बुलंदशह, ऐटा, गोरखपुर, अयोध्या, बस्ती, बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी, बागपत, सिद्धार्थनगर समेत यूपी के दर्जनों जिलों का था. ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के वक्त पहले से हिंसा की आशंका थी. हिंसा ना हो इसके लिए तैयारियां भी की गईं थीं, लेकिन पुलिस की तैयारियां ठोकतंत्र के समर्थकों के आगे कमजोर पड़ गई.
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