UP सरकार के मंत्री हुए कोर्ट से अचानक 'गायब', पुलिस ने उठाया ये कदम
Advertisement
trendingNow11293065

UP सरकार के मंत्री हुए कोर्ट से अचानक 'गायब', पुलिस ने उठाया ये कदम

UP News: सचान ने 90 के दशक की शुरुआत में सपा के साथ राजनीति में एंट्री की थी. सालृ 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये थे, जबकि वर्ष 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीता था.

UP सरकार के मंत्री हुए कोर्ट से अचानक 'गायब', पुलिस ने उठाया ये कदम

Rakesh Sachan Case: कानपुर की एक अदालत से 'जमानत मुचलका' भरे बिना उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान के कोर्ट रूम से 'गायब' होने के मामले में रविवार को प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है. कानपुर के पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने कहा कि एसीपी (कोतवाली) अशोक कुमार सिंह को एफआईआर दर्ज करने से पहले पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए कहा गया है.

कोर्ट में पेश हो सकते हैं मंत्री

सूत्रों ने बताया कि निचली अदालत के दोषसिद्धि के आदेश के खिलाफ सत्र अदालत में अपील दायर करने को लेकर उत्तर प्रदेश के मंत्री सोमवार को जमानत के लिए अदालत में पेश हो सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने के बजाय, शुरुआती जांच को लेकर जानबूझकर मंत्री को पर्याप्त समय देने का आदेश दिया गया है, ताकि वह कानूनी सुरक्षा हासिल करने के लिए बेल बॉन्ड पेश कर सकें,

सचान- बोले वकीलों की टीम देखेगी मामला

पीटीआई के मुताबिक, सचान ने कहा कि वरिष्ठ वकीलों की एक टीम पूरे मामले का जायजा लेने के लिए संबंधित अदालत में है और वह उसी के अनुसार इस मुद्दे से निपटेंगे. सचान ने हालांकि इस बात से खुद को अंजान बताया कि तीन दशक पुराने आर्म्स एक्ट मामले में शनिवार को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट-तीन की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया या नहीं. 

मंत्री ने कहा कि जो भी हो वह अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि शनिवार की रात अदालत की रीडर कामिनी ने मंत्री राकेश सचान के खिलाफ कोतवाली पुलिस में लिखित शिकायत दी है. शिकायत में कहा गया कि मंत्री सचान से संबंधित अदालत की आर्म्स एक्ट मामले की फाइल उनके वकील के पास थी, जब उन्होंने आदेश पत्र और दोषसिद्धि आदेश समेत कुछ कागजात लिए और अचानक अदालत से गायब हो गए.

अदालत से हो गए थे गायब

सचान को तीन दशक पुराने आर्म्स एक्ट मामले में दोषी पाया गया था. सजा की मात्रा तय होने से पहले उन पर शनिवार को कानपुर की एक अदालत से 'जमानत बांड' पेश किए बिना गायब होने का आरोप लगाया गया. हालांकि, मंत्री ने गायब होने के आरोप से इनकार करते हुए दावा किया कि उनका मामला 'अंतिम फैसले के लिए लिस्टेड नहीं था'.

अभियोजन अधिकारी (पीओ) ऋचा गुप्ता ने कहा कि सचान दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद कोर्ट रूम से चले गए, जब अदालत ने बचाव पक्ष के वकील से सजा की मात्रा पर बहस करने को कहा. अधिकारी ने कहा कि मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक के बाद लिया गया था, यह मानते हुए कि बिना कार्रवाई के उन्हें छोड़ने से पीठासीन अधिकारी को परेशानी हो सकती है.

गुप्ता ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 1991 में पुलिस ने राकेश सचान के पास से एक अवैध हथियार बरामद किया था. मंत्री सचान ने समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके प्रमुख अखिलेश यादव पर उनके ट्वीट और रिट्वीट के लिए हमला करते हुए कहा, 'जब हम उनके साथ थे तो बहुत अच्छे थे और अब भारतीय जनता पार्टी पार्टी (भाजपा) के साथ हैं तो हम 'गिट्टी चोर', फरार मंत्री बन गए हैं.'

कौन हैं राकेश सचान

सचान ने 90 के दशक की शुरुआत में सपा के साथ राजनीति में एंट्री की थी. सालृ 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये थे, जबकि वर्ष 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीता था. सचान वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. साल 2022 में कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से निर्वाचित होने के बाद योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली सरकार में मंत्री बने.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news