Azamgarh News : इजराइल में काम करने वाले फिलिस्तीन मजदूरों के वापस चले जाने के चलते वहां पर मजदूरों की भारी कमी हो गई है. इसके चलते उन्होंने भारत से श्रमिकों कि मांग की है. श्रमिकों को वहां की करेंसी में पेमेंट किया जाएगा.
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वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़ : इजराइल और हमास के बीच युद्ध में इजराइल में रीकंस्ट्रक्शन समेत अन्य कार्यों के लिए मजदूरों की जरूरत को लेकर उत्तर प्रदेश से 10 हजार श्रमिकों को वहां भेजने की योजना बनी है. इस संबंध में श्रम विभाग को शासन से निर्देश मिले हैं. इसी क्रम में आजमगढ़ जिले के श्रम विभाग में करीब 300 की संख्या में श्रमिकों ने अपना नाम दर्ज करवाया है.
डेढ़ लाख रुपये के करीब मिलेगी सैलरी
उप श्रम आयुक्त ने बताया कि इजराइल में काम करने वाले फिलिस्तीन मजदूरों के वापस चले जाने के चलते वहां पर मजदूरों की भारी कमी हो गई है. इसके चलते उन्होंने भारत से श्रमिकों कि मांग की है. श्रमिकों को वहां की करेंसी में पेमेंट किया जाएगा. इस संबंध में उत्तर प्रदेश से 10 हजार श्रमिकों को भेजा जाना है.
300 श्रमिकों ने पंजीकरण कराया
इसको लेकर आजमगढ़ में 300 की संख्या में रजिस्ट्रेशन किया गया है. नाम पता दर्ज कराने के साथ ही संबंधित फील्ड में दक्षता होनी चाहिए और पासपोर्ट होना चाहिए. अंग्रेजी का थोड़ा बहुत ज्ञान होना चाहिए. श्रमिकों का विभाग में नाम दर्ज के बाद लखनऊ में जल्द ही एक टेस्ट लिया जाएगा. इसके बाद पात्रता के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी. वहीं, श्रमिक श्रम कार्यालय में पहुंचकर उत्साहित होकर अपना नाम और पता दर्ज करवा रहे हैं.
बांदा के मजदूरों ने जताई थी इच्छा
बता दें कि इससे पहले बांदा के 400 कारीगर इजरायल में शटरिंग, टायल, पेंटर आदि का काम करने के लिए इच्छा जाहिर की थी. इसके एवज में उन्हें एक लाख 37 हजार रुपये हर महीने वेतन के रूप में दिया जाएगा. इसके लिए श्रम विभाग द्वारा आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. श्रम विभाग के मुताबिक, इजराइल जाने पर अधिकतम 5 साल का अनुबंध होगा.
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