न पढ़ाई, न फीस ... हजार रुपये में तैयार हो जाती थी आगरा यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री
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न पढ़ाई, न फीस ... हजार रुपये में तैयार हो जाती थी आगरा यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री

मुखबिर की सूचना मिलने के बाद पुलिस और एलआईयू की टीम ने थाना फतेहपुर सीकरी क्षेत्र की एक मोबाइल की दुकान पर छापा मारा और मार्कशीट बनाने वाले को रंगे हाथों गिरफ्तार किया. 

सांकेतिक तस्वीर

आगरा: फर्जी डिग्री के मामले में पिछले दिनों आगरा विश्वविद्यालय का नाम किस तरह बदनाम हुआ, उसकी बानगी देखने को मिली यहां की एक छोटी सी दुकान में. कहने को तो ये मोबाइल की दुकान थी, लेकिन इसकी आड़ में यहां धंधा फर्जी मार्कशीट का होता था. जब पुलिस को इसकी खबर लगी तो उन्होंने दुकान चलाने वाले संजू कुशवाहा को धर दबोचा. 

LIU टीम और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले शख्स का भंडाफोड़ किया गया. मुखबिर की सूचना मिलने के बाद पुलिस और एलआईयू की टीम ने थाना फतेहपुर सीकरी क्षेत्र की एक मोबाइल की दुकान पर छापा मारा और मार्कशीट बनाने वाले को रंगे हाथों गिरफ्तार किया. 

1000 रुपये में बनती थी फर्जी मार्कशीट 
मोबाइल की दुकान की आड़ में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले आरोपी संजू कुशवाहा का धंधा काफी वक्त से चल रहा था. जिस डिग्री को हासिल करने के लिए छात्र वक्त, मेहनत और पैसा खर्च करते हैं, उसे संजू महज 1000 रुपए में तैयार करके देता था. पुलिस ने आरोपी संजू कुशवाह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है. 

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