Mathura News: 23 साल पुराने केस में 15 आरोपियों को आजीवन कारावास, जानें क्या था दतिया कांड
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Mathura News: 23 साल पुराने केस में 15 आरोपियों को आजीवन कारावास, जानें क्या था दतिया कांड

Mathura Datia Kand: बहुचर्चित दतिया कांड के 15 आरोपियों को  आजीवन कारावास की सजा मिली है. जातीय संघर्ष को लेकर आगजनी हुई थी जिसमें एक मासूम की जिंदा जलकर मौत हो गई थी. सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया है. 

 

 

 

Mathura News: 23 साल पुराने केस में 15 आरोपियों को आजीवन कारावास, जानें क्या था दतिया कांड

कन्हैया लाल शर्मा/मथुरा: मथुरा के हाईवे थाना क्षेत्र के गांव दतिया में 23 साल पहले पंचायती भूखंड पर कब्जे में सवर्ण और अनुसूचित जाति के बीच हुए जातीय संघर्ष की घटना में बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया. 15 दोषियों को आजीवन कारावास और प्रत्येक पर 73 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. थाना हाईवे के गांव दतिया में घटना हुई थी. घटना के दौरान दलित परिवार की 6 माह की बेटी की हत्या हुई थी. पंचायती घर पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ था. सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया है.

जानें क्या था मामला
थाना हाईवे (तब नरहौली)के गांव दतिया (Datia) में 23 जनवरी की सुबह करीब 7 बजे करीब पंचायती भूखंड पर सवर्ण पक्ष की तरफ से निर्माण कार्य शुरू कराया गया. इसका विरोध अनुसूचित जाति के लोगों ने किया था. इस विरोध ने जातीय संघर्ष का रूप ले लिया था. अनुसूचित जाति के होरीलाल ने इस मामले में केस दर्ज कराया था. ऐसा आरोप था कि सवर्ण पक्ष ने गांव में मारपीट, फायरिंग, आगजनी की, जिसमें अनुसूचित जाति के राजेंद्र सिंह के पैर में गोली लगी. वहीं, छह महीने की मासूम बच्ची गुड़िया अपनी झोपड़ी में जिंदा जल गई. पुलिस ने तहरीर के आधार पर 16 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया.

सवर्ण पक्ष ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग
इस जातीय संघर्ष में अनुसूचित पक्ष का आरोप था कि सवर्ण पक्ष ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग की. घरों में लगा दी. फायरिंग में एक व्यक्ति को गोली लगी. वहीं, आगजनी में छह माह की मासूम जिंदा जल गई थी. कोर्ट के फैसले के बाद सजा सुनते ही दोषियों के परिजन फूट-फूटकर रो पड़े.

जांच सीबीसीआईडी आगरा को भेजी गई. विवेचना में 8 और आरोपियों के नाम सामने आए थे. प्रथम चार्जशीट दिसंबर 2005 और द्वितीय जनवरी 2006 में कोर्ट में दाखिल की गई. आरोपी पक्ष सुनवाई पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्टे लेकर आया. स्टे हटने के बाद 2021 में मामले की सुनवाई में तेजी आई.  25 जनवरी 2024 को इस मुकदमे में बहस, साक्ष्य पूरे हुए. इस दौरान-ए-ट्रायल इस मुकदमे के नौ आरोपियों की मौत हो गई थी.  बाकी  15 आरोपियों को बुधवार को अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 73-73 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया है.

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