महंत नरेंद्र गिरी ने बताया कि अखाड़ा परिषद की आगामी बैठक में सभी 13 अखाड़ों के साधु संत मिलकर अशोक सिंघल को 'भारत रत्न' दिए जाने को लेकर प्रस्ताव पास करेंगे.
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मो. गुफरान/प्रयागराज: अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रहे दिवंगत अशोक सिंघल को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' दिए जाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने विश्व हिंदू परिषद(VHP) के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल को 'भारत रत्न' से नवाजे जाने की मांग की है.
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा, ''जिस तरह महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि दी गई, उसी तरह हिन्दू हृदय सम्राट और राम मंदिर आंदोलन के महानायक रहे स्वर्गीय अशोक सिंघल को भी उपाधि दी जानी चाहिए.''
महंत नरेंद्र गिरी ने बताया कि अखाड़ा परिषद की आगामी बैठक में सभी 13 अखाड़ों के साधु संत मिलकर अशोक सिंघल को 'भारत रत्न' दिए जाने को लेकर प्रस्ताव पास करेंगे. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजेंगे.
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने स्वर्गीय अशोक सिंघल को सद्गृहस्थ संत बताते हुए कहा है कि राम मंदिर आंदोलन के जरिए उन्होंने न केवल देशभर के साधु-संतों को एकजुट किया बल्कि सनातन धर्म को मानने वालों में राष्ट्र के प्रति चेतना जगाई. जिसका परिणाम रहा कि राम मंदिर का आंदोलन जन आंदोलन बना और अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने का सपना साकार होने जा रहा है.
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि अशोक सिंघल सभी साधु संतों का सम्मान करते थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान राम के लिए समर्पित कर दिया था. इसलिए उन्हें 'भारत रत्न' से सम्मानित किए जाने के साथ ही देश की सबसे बड़ी उपाधि दी जानी चाहिए. गौरतलब है कि इससे पहले राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य भी अशोक सिंघल को 'भारत रत्न' दिए जाने का समर्थन कर चुके हैं.
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