UP: गौशाला बनाने के लिए योगी सरकार ने कर्मचारियों से मांगा एक दिन का वेतन
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UP: गौशाला बनाने के लिए योगी सरकार ने कर्मचारियों से मांगा एक दिन का वेतन

अलीगढ़ के जिलाधिकारी के द्वारा जारी किए गए पत्र में जनवरी माह के वेतन से एक दिन का वेतन काटकर सिंडिकेट बैंक की शाखा में जमा करने के निर्देश दिया है.

यूपी सरकार ने हाल ही में गो कल्याण के लिए सेस लगाया गया.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़कों पर घूमने वाले गोवंश की सुरक्षा के लिए कुछ नए कदम उठाए. कांजी हाउस का नाम बदलकर गो-संरक्षण केंद्र किया गया और गो कल्याण के लिए सेस लगाया गया. उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब पर दो फीसदी 'गौ कल्याण सेस' लगाने का फैसला किया है. इसके साथ ही अनाश्रित गायों के लिए स्थानीय निकाय को 100 करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई. लेकिन, आलम ये है कि सेस देने के बाद भी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को एक दिन का वेतन देना पड़ेगा. खबर, अलीगढ़ और शाहजहांपुर से है, जहां जिलाधिकारी ने बुधवार (30 जनवरी) को एक पत्र लिखकर एक दिन के वेतन को जमा करने का निर्देश जारी किया हैं.

दरअसल, बुधवार को अलीगढ़ के जिलाधिकारी के द्वारा जारी किए गए पत्र में जनवरी माह के वेतन से एक दिन का वेतन काटकर सिंडिकेट बैंक की शाखा में जमा करने के निर्देश दिया है.

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पत्र में लिखा गया है, 'गौवंश के कल्याण एवं पोषण के लिए जनपद के समस्त अधिकारियों/ कर्मचारियों के माह जनवरी 2019 के वेतन से एक दिन का वेतन जमा किया दाना है. तद्नुसार माह जनवरी 2019 के वेतन से एक दिन का वेतन सोसायटी फॉर एनिमल वेलफेयर अलीगढ़ के सिंडिकेट बैंक की शाखा रामघाट रोड अलीगढ़ के खाता सं. 851420100028545 आई0एफ0एस0 कोड SYNB0008514 में जमा करना सुनिश्चित करें. 

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि वरिष्ठ कोषाधिकारी अलीगढ़ को इस निर्देश के साथ वह एक दिन का वेतन कटौती करने के उपरान्त ही वेतन का भुगतान सुनिश्ति करें. वहीं, शाहजहांपुर के जिला अधिकारी ने भी अमृत त्रिपाठी ने भी पत्र लिखकर अधिकारियों और कर्मचारियों को एक दिन का वेतन देने के निर्देश दिए हैं. 

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आपको बता दें कि नए साल में आवारा जानवरों से परेशान किसानों को राहत देने के लिए योगी सरकार ने ये कदम उठाया था. इसके लिए प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में 'अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना और संचालन नीति लागू की थी. इसके तहत ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका और नगर निगमों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल खोले जाएंगे. इस मद में व्यय के लिए सरकार विभिन्न निधियों से धन जुटाएगी और उपकर भी वसूल करेगी. 

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