देर रात छात्राओं को जेल भेजने पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति समेत कई अफसरों को मिला लीगल नोटिस
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand768301

देर रात छात्राओं को जेल भेजने पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति समेत कई अफसरों को मिला लीगल नोटिस

प्रोफेसर आरआर तिवारी ने कहा कि ऋचा सिंह को जहां भी शिकायत करनी है वह कर सकती हैं, यह उनका अधिकार है. उन्हें इस मामले में कुछ भी नहीं कहना है.

 इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी (फाइल फोटो).

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में बीते गुरुवार इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के महिला हॉस्टल को खोले जाने को लेकर कुछ छात्राएं धरने पर बैठी थीं. इसपर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह समेत बाकी पांचों छात्राओं को देर रात जेल भेज दिया गया था. शनिवार सुबह जमानत पर उन्हें रिहा किया गया. जेल से बाहर आकर ऋचा ने यूनिवर्सिटी के एक्टिंग वाइस चांसलर प्रो. आरआर तिवारी, चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय, डीएसडब्ल्यू प्रो. केपी सिंह, डीएम भानुचन्द्र गोस्वामी, एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और नैनी सेंट्रल जेल सुपरिंटेन्डेंट पीएन पांडेय को लीगल नोटिस भेजा है. इसके अलावा मामले की शिकायत चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, चीफ जस्टिस ऑफ इलाहाबाद हाईकोर्ट, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से भी की गई है.

UGC NET 2020: एग्जाम की Answer Key आएगी इस दिन, ऐसे करें डाउनलोड

क्या है मामला?
बीते गुरुवार को अलग-अलग जिलों से आईं कुछ स्टूडेंट्स हॉस्टल में एंट्री की मांग पर वीसी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गईं. रात करीब 10 बजे तक काफी समझाने के बाद भी जब वे नहीं उठीं तो एसपी सिटी दिनेश सिंह अपनी फोर्स के साथ पहुंचे. उन्होंने पूर्व अध्यक्ष ऋचा के साथ साक्षी यादव, एकता, प्रियंका गुप्ता, शिवानी गौड़, शरद शंकर मिश्र, सत्यम कुशवाहा और अनीश यादव को हिरासत में ले लिया. देर रात चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय की शिकायत पर कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने देर रात सभी को जेल में डाल दिया. शनिवार सुबह तीनों ऋचा समेत अन्य छात्राओं को जमानत पर रिहा कर दिया गया.

पूर्व अध्यक्ष ऋचा का कहना- शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा था धरना
ऋचा ने इस मामले में इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के विजिटर यानी राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, पीएम मोदी के अलावा यूजीसी से भी शिकायत की है. शिकायत में कहा गया है कि कुलपति प्रो. आरआर तिवारी जिला प्रशासन को गुमराह कर रहे हैं. छात्राओं ने न ही कुलपति को बंधक बनाया और न ही उनका रास्ता रोका गया. वह शांतिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठी थीं. ऑफिस में लगे सीसीटीवी से इसका सबूत भी मिल जाएगा. यह हाईकोर्ट के डीके बसु गाइडलाइन का उल्लंघन है. 

प्रोफेसर आरआर तिवारी ने कहा कि ऋचा सिंह को जहां भी शिकायत करनी है वह कर सकती हैं, यह उनका अधिकार है. उन्हें इस मामले में कुछ भी नहीं कहना है.

WATCH LIVE TV

Trending news