जिला कृषि अधिकारी बृजेश सिंह का कहना है कि इस घपले की जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है, जिसमें सुजराही और बरिगवां के यूरिया वितरकों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की गई है. घपले में मिलीभगत करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
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फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में किसानों को बांटी जाने वाली यूरिया खाद में हुए फर्जीवाड़े देख जांच अधिकारी भी भौचक्के रह गए. जिले के गाजीपुर सहकारी संघ द्वारा नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से यूरिया की कालाबाजारी की जा रही थी. समितियां यूरिया का मनमाने ढ़ंग से वितरण कर रहीं थीं, जहां 10 दिनों के अंदर ही 3200 मीट्रिक टन यूरिया की बिक्री कर दी गई. यूरिया वितरण में कालाबाजारी का मामला संज्ञान में आने पर जिला अधिकारी संजीव सिंह ने जांच के आदेश दिए थे.
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जांच में सहकारी संघ में हो रहे घपला सामने आया. अधिकारियों ने बताया कि यूरिया कालाबाजारी का खेल इस कदर हावी था कि कहीं किसी किसान को 9 मीट्रिक टन यूरिया बेच दी गई, तो कहीं एक-एक किसान को 1-1 ट्रक यूरिया बेच दी गई. कुल 6 किसान ऐसे मिले जिनको 1-1 ट्रक यूरिया सरकारी समिति ने बेच दी. अफसरों ने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी कर सरकारी समितियों ने अपनी जेबें भरी हैं.
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गाजीपुर सहकारी संघ, भारतीय कृषि वानिकी विकास सहकारी परियोजना (IFFDC)और एक प्राइवेट दुकान जांच में दोषी मिले हैं, जिन्होंने नियमों की अनदेखी कर किसानों को यूरिया बांटी.नियमों के मुताबिक प्रत्येक किसान को एक सीजन में सिर्फ 50 बोरी यूरिया की बिक्री की जा सकती है. जिला कृषि अधिकारी बृजेश सिंह का कहना है कि इस घपले की जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गई है, जिसमें सुजराही और बरिगवां के यूरिया वितरकों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि घपले में मिलीभगत करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
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