औरैया में बाढ़ से हाहाकार, 21 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा, जिले के 24 गांव हुए प्रभावित
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand960150

औरैया में बाढ़ से हाहाकार, 21 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा, जिले के 24 गांव हुए प्रभावित

औरैया में बाढ़ ने 1996 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1996 में यमुना का जल स्तर 118.18 दर्ज किया गया था लेकिन इस बार 118.92 तक जल स्तर पहुंच चुका है. 

Flood in Auraiya

गौरव श्रीवास्तव/औरैया: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में यमुना नदी में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. यमुना नदी खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही है. जिस कारण जिले के 24 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि 9 गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं. एसडीआरएफ टीम बाढ़ में फंसे लोगों के रेस्क्यू में लगी हुई है.  जिला प्रशासन लोगों के खाने पीने का इंतजाम कर रहा और मेडिकल सामग्री वितरित कर रही है.

औरैया के ये गांव हुए पूरी तरह जलमग्न 
औरैया जिले की अजीतमल तहसील के 9 गांव सिकरौडी,गोहानी कला,जुहीखा,तातारपुर,गूंज,बीझलपुर,अस्ता असेवता असेवता गांव पूरी तरह जलमग्न हो चके है. इन गांवों में लोगों के मकान पूरी तरह या तो डूब चुके हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

चारे का संकट गहराया 
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम अलर्ट मोड़ पर है. एसडीआरएफ टीम व स्थानीय नाविकों की मदद से लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित राहत कैम्प में पहुंचाया जा रहा है. लोगों की गृहस्थी का सामान बर्बाद हो चुका है. वहीं पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है.

प्रयागराज में गंगा और यमुना खतरे के निशान के बेहद करीब, बाढ़ जैसे हालात

औरैया में पांच नदियों का है संगम
दरअसल, औरैया जिले में पांच नदियों का संगम है. जिसमे चंबल नदी, पहुज नदी, क्वारी नदी, सिंध नदी भी शामिल है. सभी नदियां यमुना नदी में आ कर मिलती हैं. जिस कारण औरैया की स्थिति और ज्यादा भयावह हो गई है. वहीं सरकारी मदद से ग्रामीण संतुष्ट नहीं हैं. 

21 साल पहले का रिकॉर्ड टूटा 
औरैया में बाढ़ ने 1996 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1996 में यमुना का जल स्तर 118.18 दर्ज किया गया था लेकिन इस बार 118.92 तक जल स्तर पहुंच चुका है. हालांकि शनिवार को जलस्तर मामूली रूप से कम हुआ है. लेकिन, स्थिति अब भी भयावह बानी हुई है.

जालौन: यमुना नदी में सेल्फी लेते समय नाव पलटी, 6 युवक डूबे, 2 तैरकर बाहर आए, देर रात दो युवकों का शव मिला

राहत और बचाव कार्य के लिए लगाए गए अधिकारी 
जिला अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने प्रत्येक गांव के लिए एक नोडल अधिकारी राहत और बचाव कार्य की मॉनिटरिंग के लिए लगा दिया है. साथ ही सभी लोगों को खाने पीने का सामान उपलब्ध कराया जा रहा है और आपदा राहत के पैकेट भी वितरित किए जा रहे हैं. फिलहाल अभी बारिश और अन्य नदियों के जल स्तर में वृद्धि न हुई तब भी हालात सामान्य होने में एक सप्ताह का समय लगने की उम्मीद जताई जा रही है. 

बचपन का प्यार भूल नहीं जाना रे गाने पर लड़की ने किया ऐसा डांस, VIDEO हुआ वायरल

Viral Video:डॉगी पिला रही है बाघ के बच्चों को दूध, यूजर्स बोले- मां की ममता के आगे सब फेल

WATCH LIVE TV

Trending news