भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह के अलावा मध्य प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास, आचार्य धर्मेंद्र, राम विलास वेदांती, साक्षी महाराज, साध्वी ऋतंभरा और चंपत राय इस केस में आरोपी बनाए गए हैं.
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लखनऊ: बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत 28 वर्ष बाद 30 सितंबर को फैसला सुनाएगी. अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहा दिया था. सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के सामने इस मामले में कुल 351 गवाहों की पेशी हुई, वहीं करीब 600 दस्तावेज भी साक्ष्य के रूप में पेश किए गए. आपको बता दें कि इस केस में सीबीआई ने 49 लोगों को दोषी बनाया है, जिनमें 17 की मौत हो चुकी है.
बाला साहब ठाकरे और अशोक सिंघल भी बनाए गए थे आरोपी
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह के अलावा मध्य प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास, आचार्य धर्मेंद्र, राम विलास वेदांती, साक्षी महाराज, साध्वी ऋतंभरा और चंपत राय इस केस में आरोपी बनाए गए हैं. बाला साहब ठाकरे, अशोक सिंघल, विजयाराजे सिंधिया, आचार्य गिरिराज किशोर और विष्णु हरि डालमिया भी बाबरी विध्वंस केस में आरोपी थे, जिनकी मौत हो चुकी है.
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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कुल 49 एफआईआर दर्ज हुई थीं
बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाए जाने के मामले में कुल 49 एफआईआर दर्ज हुई थीं. एक एफआईआर फैजाबाद के थाना रामजन्म भूमि में एसओ प्रियंवदा नाथ शुक्ला जबकि दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज करवाई थी. बाकी 47 एफआईआर अलग-अलग तारीखों पर पत्रकारों और फोटोग्राफरों ने दर्ज करवाई थीं. 5 अक्टूबर 1993 को सीबीआई ने जांच के बाद मामले में कुल 49 अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.
इसमें 13 अभियुक्तों को विशेष अदालत ने आरोप के स्तर से ही डिस्चार्ज कर दिया था. सीबीआई की ओर से इस आदेश को पहले हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. विशेष सीबीआई अदालत में फैजाबाद के तत्कालीन डीएम आरएन श्रीवास्तव समेत 28 अभियुक्तों के मुकदमे की सुनवाई हुई, जबकि आडवाणी समेत 8 अभियुक्तों के मामले की कार्यवाही रायबरेली की विशेष अदालत में चली.
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सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में आडवाणी, जोशी, उमा पर केस बहाल किया
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में आडवाणी, जोशी और उमा भारती समेत अन्य कई नेताओं पर आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आपराधिक साजिश के आरोप को बहाल किया और दोनों केस को क्लब कर दिया. रायबरेली की विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही को लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) में ट्रांसफर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी 13 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया जिन्हें हाई कोर्ट ने पहले डिस्चार्ज कर दिया था.
कोर्ट ने रायबरेली में ट्रायल झेल रहे आरोपियों के खिलाफ भी आपराधिक साजिश का केस दर्ज करने का आदेश दिया. लखनऊ सीबीआई कोर्ट ने 2017 में ही लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती समेत सभी पर बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के आरोप तय करने का आदेश दिया.
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