हल्द्वानी निवासी अधिवक्ता की ओर से दाखिल याचिका में मांग की गई थी कि तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य में डॉक्टर्स को उचित सुविधाएं देने के साथ-साथ सुरक्षा मुहैया करवाई जाए. याचिककर्ता ने डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को दी जा रही सुविधा पर भी सवाल खड़े किए.
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नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 7 दिन के अंदर पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पतालों में वेंटिलेटर लगाने और ICU बनाने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने ये निर्देश हॉस्पिटल में जरूरी उपकरणों और पर्सनल प्रोटेक्शन एक्विपमेंट (PPE) किट्स को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
7 दिन की मोहल्लत देते हुए कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार को इससे ज्यादा समय नहीं दिया जा सकता. पर्वतीय अस्पतालों और 15 अन्य अधिकृत हॉस्पिट्स में डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए. न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि अगर कोई दिक्कत होती है तो सरकार के लिए कोर्ट के दरवाजे खुले हैं. मामले में अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी.
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डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को दी गई किट पर भी सवाल
हल्द्वानी निवासी अधिवक्ता की ओर से दाखिल याचिका में मांग की गई थी कि तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य में डॉक्टर्स को उचित सुविधाएं देने के साथ-साथ सुरक्षा मुहैया करवाई जाए. याचिककर्ता ने डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को दी जा रही सुविधा पर भी सवाल खड़े किए.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए डॉक्टरों व सम्बन्धित स्टाफ को पीपीई किट की बजाय एचआइवी किट भेजी गई है, जो इस महामारी से लड़ने के लिए उचित नहीं है. हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के लिए एक हजार पीपीई किट भेजी गई जो मानकों के अनुरूप नहीं पाई गईं. किट मुहैया कराने वाली कंपनी ने स्टाफ के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया है. जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.
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