डेटा सेंटर एक ऐसी सुविधा है, जिसमें किसी संस्था की आईटी गतिविधियों को स्टोर किया जा सकता है. बड़ी संस्थाएं अपने डेटा के रखरखाव और सिस्टम के संचालन के लिए Data Center का उपयोग करती हैं.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने डेटा सेंटर (Data Center) नीति का मसौदा तैयार कर लिया है. अगले पांच साल में डेटा सेंटर फील्ड में 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इन्वेस्टमेंट की संभावना है. अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इससे करीब 1.5 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे. बता दें, प्रदेश में 5 सालों के लिए प्रस्तावित नीति में 3 डेटा सेंटर पार्क और 10 डेटा सेंटर यूनिट बनाए जाने का प्लान है.
निवेशकों को लुभाने के लिए बनाया एक्शन प्लान
उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल जुलाई में डेटा सेंटर बनाने वाली कंपनियों को लुभाने के लिए यह नीति तैयार की है. अब लंबे विचार-मंथन के बाद नीति के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है. इस मसौदे को विभागों की अनापत्ति लेने के बाद कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
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1600 कोरड़ से ज्यादा का राज्य कर मिलने की उम्मीद
जानकारी के मुताबिक 3 डेटा सेंटर पार्क बनाने के लिए 4375 करोड़ और बाकी 10 डेटा यूनिट बनाने के लिए 14375 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट आने की उम्मीद है. प्रदेश सरकार पर इसके लिए वन टाइम सब्सिडी भार आएगा, जो 464.57 करोड़ रुपये हो सकता है. लेकिन इसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे 1687 करोड़ रुपये राज्य कर के रूप में मिल सकते हैं.
क्या होता है डाटा सेंटर
डेटा सेंटर एक ऐसी सुविधा है, जिसमें किसी संस्था की आईटी गतिविधियों को स्टोर किया जा सकता है. यहां पर डेटा को संग्रह किया जाता है. मान लिजिए आपको कोई डाटा जैसे फोटो, वीडियो, डॉक्यूमेंट या कोई फाइल रखनी है, तो आप इसे एक स्टोरेज डिवाइस, कंप्यूटर या स्मार्टफोन में सेव कर सकते हैं. इसी तरह बड़ी संस्थाएं अपने डेटा के रखरखाव और सिस्टम के संचालन के लिए Data Center का उपयोग करती हैं.
किसी Advanced डेटा सेंटर में कंप्यूटिंग और नेटवर्क के कॉम्प्लीकेटेड सिस्टम रखे होते हैं, जो कंपनियों या संस्थाओं की दिन भर की गतिविधियों के लगातार संचालन में महत्वपूर्ण होते हैं.
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ये है डेटा सेंटर पार्क और यूनिट में अंतर
उत्तर प्रदेश में 20 करोड़ से ज्यादा डेटा उपयोग करने वाले लोग हैं. जानकारी मिली है कि 40 मेगावॉट या उससे ज्यादा क्षमता के लिए डेटा सेंटर पार्क बनाया जाएगा. जबकि इससे कम क्षमता के लिए डेटा सेंटर यूनिट बनेंगी.
पहले डेटा सेंटर का काम चालू
सीएम योगी ग्रेटर नोएडा में बन रहे पहले डेटा सेंटर पार्क का शिलान्यास कर चुके हैं. बता दें, 2022 तक पार्क का पहला फेज पूरा हो सकता है. इसमें 6000 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट होगा और करीब 1000 लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
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निवेशकों को लुभाने के लिए उठाए ये कदम
इंटरेस्ट पर छूट
हर साल 10 करोड़ के प्रतिबंध के साथ 7 सालों तक वार्षिक ब्याज 60% तक. इसकी अधिकतम सीमा 50 करोड़ रुपये होगी.
भूमि पर छूट
बुंदेलखंड या पूर्वांचल क्षेत्र में राज्य सरकार की ऑर्गनाइजेशन से जमीन लेने पर कस्टम एरिया दर पर 50% और मध्यांचल या पश्चिमांचल में 25% तक की छूट दी जाएगी.
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बिजली आपूर्ति
पहले तीन डाटा सेंटर को दो ग्रिड लाइन से बिजली पहुंचाई जाएगी. पहले ग्रिड की लागत का खर्च डाटा सेंटर डेवलपर, जबकि दूसरे का एनर्जी डिपार्टमेंट उठाएगा.
स्टांप ड्यूटी
जमीन खरीद के लिए पहले ट्रांजैक्शन (प्राधिकरण/भूस्वामी से डाटा सेंटर पार्क) पर स्टांप शुल्क में 100% और दूसरे ट्रांजैक्शन में 50% छूट मिलेगी.
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