एक शिलापट्ट को लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी आमने-सामने आ गई हैं
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गोरखपुर (संवाददाता- प्रदीप तिवारी): सीएम सिटी में एम्स के तेजी से चल रहे निर्माण के बीच एमबीबीएस की कक्षाएं भी शुरू होने वाली हैं. लेकिन, इसके पहले ही संस्थान विवादों में घिर गया है. यहां पर पूर्व में सपा सरकार के समय लगाए गए जमीन हस्तांतरण के शिलापट्ट को उखाड़कर फेंकने के मामले में सियासत शुरू हो गई है.
पूर्व में सपा की सरकार ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को 112 एकड़ जमीन हस्तांतरित कर दी थी. उस समय लगाए गए शिलापट्ट को कार्यदायी संस्था ने उखाड़कर फेंक दिया है. सपाई इसे योगी सरकार में प्रशासन और कार्यदायी संस्था की साजिश बता रहे हैं.
सीएम सिटी में एम्स निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. एबीबीएस में 50 स्टूडेंट्स के एडमीशन के बाद कक्षाएं भी शुरू होने वाली हैं. इसी साल की शुरुआत से ओपीडी भी शुरू हो चुकी है. लेकिन, संस्थान में पढ़ाई शुरू होने के पहले ही संस्थान विवादों से घिर गया है. यहां पर गन्ना शोध संस्थान की 112 एकड़ जमीन चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रदेश सरकार द्वारा हस्तांतरित की गई थी, जिसके बाद एम्स निर्माण का रास्ता साफ हो गया था. लेकिन, एम्स के निर्माण के तेजी से चल रहे काम के बीच कार्यदायी संस्था ने पूर्व की सपा सरकार द्वारा जमीन के हस्तांतरण के संबंध में लगाया गया शिलापट्ट उखाड़कर सड़क के किनारे फेंक दिया गया है.
शिलापट्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री राधेश्याम सिंह, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के महानिदेशक डा. वीएन त्रिपाठी और अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डा. अनीता भटनागर जैन का नाम भी शिलापट्ट पर खुदा हुआ है. किसी ने इस शिलापट्ट को देवरिया जाने वाली एम्स के बाहर की रोड पर फेंका हुआ देखा. उसके बाद से ही ये शिलापट्ट सोशल मीडिया पर टिप्पणी के साथ पोस्ट किया जा रहा है. शिलापट्ट पर उसे स्थापित करने की तारीख 30 दिसंबर 2016 खुदी हुई है. उस पर 768.61 करोड़ रुपए कीमत की 112 एकड़ जमीन के हस्तानांतरण की बात भी लिखी है.
सपा के पदाधिकारी इसे उखड़वाने के पीछे प्रशासन और कार्यदायी संस्था की साजिश बता रहे हैं. इस मामले में पदाधिकारियों ने सोमवार को एडीएम सिटी आरके श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में मांग की गई है कि कार्यदायी संस्था द्वारा उखाड़ा गए शिलापट्ट पर पूर्व सीएम अखिलेश यादव का नाम है. उसे फेंक कर पूर्व सीएम का अपमान किया गया है. उन्होंने उस शिलापट्ट को फिर से स्थापित करने की मांग की है. इस संबंध में सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष प्रहलाद यादव ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. शिलापट्ट को फिर से दो दिन में स्थापित नहीं किया गया, तो वे इस सरकार में लगाए जाने वाले शिलापट्ट को उखाड़कर फेंक देंगे और आंदोलन को भी बाध्य होंगे.