केदारनाथ घाटी में भारी बर्फबारी जारी, देश-दुनिया से टूटा संपर्क
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केदारनाथ घाटी में भारी बर्फबारी जारी, देश-दुनिया से टूटा संपर्क

2014 में भी केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई थी, जिससे पुनर्निर्माण के कार्य काफी प्रभावित हुए थे. उस दौरान केदारनाथ में निम की टीम पुनर्निर्माण के कार्य में पूरी सर्दियों में यहां मौजूद रही.

केदार घाटी में भारी बर्फबारी से बिजली के कई पोल ध्वस्त हो चुके साथ ही संचार सुविधाएं भी ठप हो गई है.

केदारनाथ : केदारनाथ धाम में पिछले तीन दिनों से जारी भारी बर्फबारी ने बाबा केदारनाथ को सफेद समाधि से ढक दिया है. केदारनाथ में पुनर्निर्माण में जुटे करीब 70 कर्मचारी और प्रशासन की टीम के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. केदार घाटी में भारी बर्फबारी से बिजली के कई पोल ध्वस्त हो चुके साथ ही संचार सुविधाएं भी ठप हो गई है. धाम में सबसे ज्यादा मुश्किल पीने की पानी की हो रही है. 

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निजी कंपनी कर रही है पुनर्निर्माण कार्य
केदारनाथ में इस समय वुडस्टोन कंपनी ही पुनर्निर्माण कार्य कर रही है, जिसमे अधिकार कर्मचारी निम के समय किए जा रहे पुनर्निर्माण कार्य से भी जुड़े रहे. वुडस्टोन कंपनी आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल, तीर्थ पुरोहितों के भवन, मंदाकिनी नदी के घाट और सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य कर रही है. लेकिन पिछले 3 दिनों से हो रही भारी बर्फबारी से सब कार्य ठप हो चुका है.

सभी केदारनाथ में है सुरक्षित: डीएम रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य कर रही वुडस्टोन कंपनी के सभी कर्मचारी सुरक्षित है. साथ पुलिस के 6 जवान और 2 जीएमवीएन के कर्मचारी इस समय वहां तैनात है और सभी सुरक्षित है. इन सभी के पास अभी करीब ढाई महीने का राशन मौजूद है. डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि मौसम साफ होने के बाद एक टीम को गौरीकुंड से पैदल रवाना किया जाएगा.

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2014 में हुई थी ऐसी भारी बर्फबारी
2014 में भी केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई थी, जिससे पुनर्निर्माण के कार्य काफी प्रभावित हुए थे. उस दौरान केदारनाथ में निम की टीम पुनर्निर्माण के कार्य में पूरी सर्दियों में यहां मौजूद रही. 2013 में भीषण त्रासदी के बाद तब केदारनाथ में सर्दियों के समय भी पहली बार पुनर्निर्माण कार्य हुए. कर्नल अजय कोठियाल ने नेतृत्व में निम ने कई मूलभूत सुविधाओं, हेलीपैड, टैंट कालोनी,पुल और पैदल रास्ते को ठीक किया था. तत्कालीन सीएम हरीश रावत के समय केदारनाथ में 2014 के दौरान भी निम को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.

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केदारघाटी में एवलांच का खतरा
केदारनाथ घाटी में भारी बर्फबारी के बाद एवलांच का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है. रुद्रा पॉइंट से रामबाड़ा तक करीब 4 एवलॉन्च पॉइंट है, जो छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली और रुद्रा पॉइंट के पास है. केदारनाथ मंदिर से पीछे कई एवलॉन्च पॉइंट हैं, लेकिन वो सभी चोरबाड़ी और कंपेनियन ग्लेशियर में है, जो मंदिर को कोई नुकसान नहीं है. 

बर्फबारी के कारण कैमरे खराब
केदारनाथ में 2013 की आपदा के बाद पूरी घाटी को इंटरकॉम सुविधा से लैस कर दिया गया था, जिससे डीएम रुद्रप्रयाग, प्रमुख सचिव, पर्यटन सचिव, मुख्यमंत्री और पीएमओ के अधिकारी 24 घंटे केदारनाथ की लाइव तस्वीरें देख सकते है. लेकिन भारी बर्फबारी के कारण कैमरे खराब हो गए है और ये सुविधा भी ध्वस्त हो चुकी है. 

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