नए उद्यमी जो सीधे कॉलेज से निकले हैं, वे अपने स्टार्टअप के लिए बैंक या गैर-बैंकिंग ऋण देने वाली संस्था से बिजनेस लोन ले सकते हैं. बिजनेस लोन का उपयोग वर्किंग कैपिटल की आवश्यकताओं को पूरा करने, सैलरी देने, कच्चा माल खरीदने, पूंजीगत व्यय के लिए और किसी भी अन्य जरूरतों के लिए किया जा सकता है.
Written by Web Desk Team | Published :September 8, 2022 , 12:05 pm IST
भारत सरकार स्टार्टअप्स को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना चाहती है. इसके लिए न केवल ‘स्टार्टअप इंडिया’ अभियान शुरू किया है, जबकि ऐसी संस्थाओं के लिए बिजनेस लोन प्राप्त करना भी आसान बना दिया है.
नए उद्यमी जो सीधे कॉलेज से निकले हैं, वे अपने स्टार्टअप के लिए बैंक या गैर-बैंकिंग ऋण देने वाली संस्था से बिजनेस लोन ले सकते हैं. बिजनेस लोन का उपयोग वर्किंग कैपिटल की आवश्यकताओं को पूरा करने, सैलरी देने, कच्चा माल खरीदने, पूंजीगत व्यय के लिए और किसी भी अन्य जरूरतों के लिए किया जा सकता है.
भारत में हजारों स्टार्टअप के पास वेंचर कैपिटल तक पहुंच है, जबकि सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (MSMEs) के पास अक्सर फॉर्मल क्रेडिट तक सीमित पहुंच होती है. लेकिन एक फ्रेशर, जो सीधे कॉलेज से निकला हो, किस तरह के बिजनेस लोन का लाभ उठा सकता है?
नए उद्यमियों की मदद करने के लिए, भारत सरकार ने स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए कई ऋण योजनाएं शुरू की हैं. यहां हम उन सभी प्रमुख बिजनेस लोन विकल्पों के बारे में बता रहे हैं जो एक फ्रेशर के लिए उपलब्ध हैं.
सिडबी
MSME को सपोर्ट करने वाली सरकार की एजेंसियों में से एक स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया या सिडबी है, जो अब बैंकों के माध्यम से इसे रूट करने के बजाय सीधे ऐसी संस्थाओं को उधार देती है. सिडबी लोन आमतौर पर कमर्शियल बैंकों को दी जाने वाली ब्याज दर की तुलना में कम ब्याज दर पर आते हैं.
NSIC की बैंक लोन सुविधा योजना
नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज कारपोरेशन (NSIC) की MSME के लिए स्कीम चलाती है. NSIC बैंकों के साथ साझेदारी में लोन प्रदान करता है. ये लोन पांच से सात साल तक और कुछ मामलों में 11 साल तक के लिए हो सकते हैं.
क्रेडिट गारंटी स्कीम
क्रेडिट गारंटी स्कीम MSME के लिए मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ सर्विस सेक्टर्स के लिए है. इसमें शिक्षण संस्थान, रिटेल सर्विसेज, एग्रीकल्चरल यूनिट और स्वयं सहायता समूह शामिल नहीं हैं. यह माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट की समर्थित स्कीम है. इसके तहत 2 करोड़ रुपए तक का कर्ज लिया जा सकता है.
सस्टेनेबल फाइनेंस स्कीम
सिडबी की समर्थित, यह योजना ग्रीन एनर्जी, रिन्यूएबल एनर्जी, हार्डवेयर, टेक्नोलॉजी और नॉन-रिन्यूएबल एनर्जी जैसे सेक्टर्स में कंपनियों को लोन प्रदान करती है.
Psbloansin59minutes.com
यह डिजिटल पोर्टल सिडबी की एक पहल है जो नए व्यवसायों को पैसे उधार लेने की सुविधा देता है. मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपए तक और एमएसएमई योजना के माध्यम से 5 करोड़ रुपए तक का लोन लिया जा सकता है.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
सात साल पुरानी लोन स्कीम को माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) प्रमोट करती है और यह सभी प्रकार की ट्रेडिंग, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर यूनिट को क्रेडिट प्रदान करती है. ये लोन 50,000 रुपए से लेकर 75 लाख रुपए तक के हैं और कारीगरों, दुकानदारों, मशीन ऑपरेटरों, रिपेयर शॉप ओनर्स के साथ-साथ सब्जी विक्रेताओं को भी दिए जाते हैं.
बैंक लोन
कई बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान अलग-अलग ब्याज दरों पर बिजनेस लोन प्रदान करते हैं.
इक्विपमेंट फाइनेंसिंग
ये कोलेटरल के बदले दिए जाने वाले लोन हैं. इसमें बिजनेस शुरू करते समय खरीदे गए उपकरण को कोलेटरल के रूप में गिरवी रखा जाता है. ये सिक्योर लोन होता है और ब्याज दर भी थोड़ी कम होती है. कैश फ्लो के आने के साथ कंपनी लोन और ब्याज का भुगतान कर सकती है.
निष्कर्ष
एक नए उद्यमी के पास अपने बिजनेस के लिए फाइनेंस प्राप्त करने के कई विकल्प होते हैं. उधारदाताओं का एक विशाल बाजार है जिससे एक बिजनेस ओनर पैसे उधार ले सकता है. एक उधारकर्ता को केवल यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उसके पास एक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री है.