Farrukhabad News: 'भूतों' में बंट गई 16 लाख की सैलरी! फर्रुखाबाद के नलकूप विभाग में फर्जीवाड़े का खुला खेल
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Farrukhabad News: 'भूतों' में बंट गई 16 लाख की सैलरी! फर्रुखाबाद के नलकूप विभाग में फर्जीवाड़े का खुला खेल

Farrukhabad News:  फर्रुखाबाद जिले के नलकूप विभाग में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. नलकूप विभाग में पांच फर्जी कर्मचारियों को सात महीने के वेतन के करीब 16 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने के मामले की जांच शुरू हो गई है. 

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अरुण सिंह/फर्रुखाबाद: ना आदमी न काम लेकिन खाते में वेतन पूरा..फर्रुखाबाद जिले के नलकूप विभाग में फर्जीवाड़े का कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. नलकूप विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगा है. नलकूप विभाग में पांच फर्जी कर्मचारियों को सात महीने के वेतन के करीब 16 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने के मामले की जांच शुरू हो गई है. अधीक्षण अभियंता नलकूप ने टीम के साथ खंड कार्यालय में पहुंचकर डॉक्यूमेंट खंगाले. 2021- 22 में तैनात रहे अधिकारी और कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.

क्या है पूरा मामला
आरोप है नलकूप खंड कार्यालय फतेहगढ़ के वरिष्ठ लिपिक मनोज कुमार ने नवंबर 2021 से लेकर जून 2022 तक पांच फर्जी कर्मचारियों के नाम से वेतन बिल बना दिया था. जालसाजी कर 16.71 लाख रुपये का घोटाला किया. घोटाला उजागर होने पर विभागीय जांच के बाद वरिष्ठ सहायक मनोज कुमार को निलंबित कर दिया गया था. उसके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

डीएम ने जांच के लिए बनाई थी कमेटी
जिलाधिकारी ने घोटाले की जांच के लिए कमेटी बनाई थी. कमेटी में शामिल अधीक्षण अभियंता नलकूष मंडल धर्मेंद्र कुमार ने वरिष्ठ कोषाधिकारी फर्रुखाबाद मनोज कुमार यादव, अधिशासी अभियंता सिंचाई कन्नौज सूर्यमणि सिंह ने फतेहगढ़ में भोलेपुर बेवर रोड स्थित नलकूप खंड कार्यालय पहुंच कर घोटाला संबंधी अभिलेखों की जांच पड़ताल की.

क्या बोले अधीक्षण अभियंता
अधीक्षण अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपित वरिष्ठ सहायक मनोज कुमार जेल भी जा चुका है. जुलाई 2022 में उच्च न्यायालय से जमानत पर छूट कर आया है. वह वर्तमान में भी निलंबित है और कन्नौज नलकूप खंड कार्यालय में संबद्ध है. घोटाला की जानकारी होते ही आरोपित वरिष्ठ सहायक से करीब 11 लाख रुपये की रिकवरी कर ली गई थी. बकाया रुपये की रिकवरी होनी शेष है.

शुरू हुई मामले की जांच
अधीक्षण अभियंता ने कहा, डीएम के आदेश पर जांच शुरू की गई है. जिस वर्ष घोटाला हुआ था, उस वर्ष तैनात रहे अधिकारी और कर्मचारियों को नोटिस देकर उनका जवाब मांगा गया है. जांच दो माह में पूरी कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी.

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