राम और श्याम का जन्म पिछले साल 7 नवंबर को हुआ था. जुड़वा बच्चों के जन्म पर परिवार खुश था लेकिन जैसे ही उनके माता पिता को ये पता लगा कि दोनों के शरीर आपस मे जुड़े हैं, खुशियां चिंता में बदल गई.
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लखनऊ: कुशीनगर के रहने वाले प्रियंका और चंदन के लिए अपने बच्चों को सामान्य जीवन जीते देख पाना एक सपना था. दरअसल, उनके बच्चे बचपन से एक ही शरीर से जुड़े हुए थे, लेकिन आज केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) के डॉक्टर्स ने इन जुड़वा भाइयों को नया जीवन दिया साथ ही इनके मां-बाप के सपने को सच कर दिया है.
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डॉक्टर बने भगवान
राम और श्याम का जन्म पिछले साल 7 नवंबर को हुआ था. जुड़वा बच्चों के जन्म पर परिवार खुश था लेकिन जैसे ही उनके माता पिता को ये पता लगा कि दोनों के शरीर आपस मे जुड़े हैं, खुशियां चिंता में बदल गई. इस बीच बच्चों के माता-पिता प्रियंका और चंदन लगातार कोशिश करते रहे कि उनके दोनों बच्चे बाकियों की तरह ही सामान्य जीवन जी पाएं.
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इस बीच चंदन गोरखपुर के एक अस्पताल में प्रयास करता रहा जहां से वो केजीएमयू पहुंचा. चूंकि मामला मासूम बच्चों का था लिहाजा डॉक्टर भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे. इसलिए परिजनों और डॉक्टरों में आपस मे कई दफा विचार विमर्श किया गया.
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बकरे के लिवर की सर्जरी
बच्चों के अंदरूनी अंग आपस मे जुड़े हुए थे. जिन्हें अलग कर पाना आसान नहीं था. इसके लिए ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर्स ने सबसे पहले बकरे के लिवर की सर्जरी कर खुद को इस जटिल प्रक्रिया के लिए तैयार किया. करीब 7 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद टीम ने दोनों बच्चों के सभी अंग को बेहद सतर्कता के साथ सफलतापूर्वक अलग कर लिया.
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ऑपरेशन सफल होने के बाद टीम को प्रियंका एवं चंदन ने दिल खोलकर धन्यवाद दिया. ऑपरेशन में शामिल पूरी टीम को केजीएमयू प्रबंधन के साथ ही कई लोगों द्वारा बधाई दी गई.
फ्री में हुआ ऑपरेशन
यह ऑपरेशन पूरी तरह फ्री किया गया. दरअसल चंदन को आयुष्मान कार्ड बनाने का लाभ मिला. इलाज में उनके एक रुपये भी नहीं खर्च हुए. बता दें कि ऑपरेशन से पहले जुड़वा भाइयों राम और श्याम का जन्मदिन भी अस्पताल में मनाया गया था.
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