Bahraich Wolf Attack: उत्तर प्रदेश के बहराइच में लगातार हो रहे भेड़ियों के हमलों से लोग अभी भी सदमे में है. इसी बीच बहराइच के डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने इस मुद्दे पर काफी अहम जानकारी दी है. पढ़िए पूरी खबर ...
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Bahraich News/राजीव शर्मा: उत्तर प्रदेश के बहराइच में लगातार हो रहे भेड़ियों के हमलों से लोग अभी भी सदमे में है. इसी बीच बहराइच के डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने इस मुद्दे पर काफी अहम जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि बचे हुए दोनों भेड़ियों को डिटेक्ट करके उन्हें पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जैसे ही बचे हुए भेड़ियों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा था तो पानी होने की वजह से वह बहुत तेजी से भाग निकले.
बच्चों में है दहशत
जिले के हरबक्श पुरवा गांव में भेड़ियों का आतंक साफ दिखाई दे सकता है. खास तौर पर बच्चों में भेड़ियों को लेकर बहुत दहशत है. भेड़ियों ने अभी तक 7 बच्चों को अपना निवाला बनाया है. गांव के बच्चों ने बताया कि उनके अंदर डर का माहौल है. सभी बच्चे एक साथ झुंड में स्कूल जाते हैं. शाम को खेलने भी नहीं निकलते. इसके साथ ही रात को पूरा परिवार छत पर सोता है.
थर्मल ड्रोन से डिटेक्ट
भेड़ियों को थर्मल ड्रोन से डिटेक्ट किया जा रहा है. लेकिन ज्यादा गर्मी होने की वजह से ड्रोन भेड़ियों को डिटेक्ट नहीं कर पा रहे हैं. जैसे ही मौसम ठंडा होगा, उन्हें डिटेक्ट करके फिर से पकड़ने का प्रयास किया जाएगा. लेकिन यह रेस्क्यू ऑपरेशन सिर्फ उजाले में ही हो सकता है. ऐसे रात में उन्हें पकड़ पाना बहुत मुश्किल है.
बच्चों को ही क्यों बना रहा है निशाना
जब डीएफओ से भेड़ियों द्वारा सिर्फ बच्चों को ही निशाना बनाए जाने पर सवाल पूछा तो डीएफओ ने बताया कि एक भेड़िया का वजन 35 से 40 किलो होता है. वह इतने शातिर होते हैं, उन्हें पता है कि जैसे ही वह किसी बच्चे को पकड़ेंगे शोर शराबा मचेगा और लोग उन्हें पकड़ सकते हैं.इसलिए वह छोटा और हल्का चारा ढूंढते हैं. जिन्हें वह अपने मुंह में दबाकर तुरंत तेजी से भाग सकें. अगर भारी चारा होगा तो वह उन्हें घसीट कर नहीं ले जा पाएंगे. डीएफओ ने बताया कि मजबूत कद काठी वाले पुरुष पर एक भेड़िया अकेले हमला करके उसे नहीं मार सकता. इसीलिए बच्चों और महिलाओं पर अटैक कर रहे हैं. दोनों भेड़ियों को पकड़ने के लिए अतिरिक्त टीम में लगाई गई हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा.
महसी तहसील के औराही गांव वन विभाग का ऑपरेटिंग कैंप
महसी तहसील के औराही गांव में मौजूद पंचायत भवन में वन विभाग ने ऑपरेटिंग कैंप बनाया है. 24 घंटे यहीं से पूरे 50 गांव में वन विभाग के चल रहे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग चल रही है. भेड़ियों को कैद करने वाले पिंजरे भी यहां पर मौजूद हैं. भेड़ियों को बेहोश करके इन्हीं पिंजरों में लाया जाता है. उसके बाद दोबारा उन्हें होश में लाने वाला इंजेक्शन इन्हीं पिंजरों के अंदर ही दिया जाता है.
4 भेड़िये पकड़े गए
6 में से चार भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है. इन भेड़ियों को पकड़ने वाले डॉक्टर दीपक वर्मा ने बताया कि अपनी एनेस्थीसिया गन के जरिए उन्हें शूट करके पहले बेहोश किया गया. उसके बाद उन्हें केज में लाकर दोबारा रिवाइवल इंजेक्शन देकर होश में लाया जाता है. उसके बाद उन्हें जू के लिए रवाना किया गया. भेड़ियों को पहले चारों तरफ से घेरा जाता है. फिर जिधर शूटर मौजूद होता है उधर उन्हें पुश किया जाता है. इसके बाद सामने आते ही शूट कर दिया जाता है. चारों भेड़ियों को डॉक्टर दीपक वर्मा ने ही शूट किया है.
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