ऑनलाइन ना पढ़ने वाले बच्चों के लिए अनोखी पहल, ‘मेरा घर मेरा विद्यालय’ कार्यक्रम की शुरूआत
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ऑनलाइन ना पढ़ने वाले बच्चों के लिए अनोखी पहल, ‘मेरा घर मेरा विद्यालय’ कार्यक्रम की शुरूआत

कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर शिक्षा व्यवस्था पर पड़ा है. स्कूल बंद होने की वजह से बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.ऐसे में  हरिद्वार के शिक्षा विभाग ने छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए ‘मेरा घर मेरा विद्यालय’ अनोखा कार्यक्रम शुरू किया है .

फाइल फोटो

हरिद्वार : कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर शिक्षा व्यवस्था पर पड़ा है. स्कूल बंद होने की वजह से बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.ऐसे में  हरिद्वार के शिक्षा विभाग ने छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए ‘मेरा घर मेरा विद्यालय’ अनोखा कार्यक्रम शुरू किया है . इसके तहत शिक्षा विभाग  घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ाता है.

हरिद्वार के जिला शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज के इस अभियान के तहत सरकारी स्कूल के बच्चों को एनएसएस के कार्यकर्ता घर घर जाकर पढ़ा रहे हैं जिससे उनकी पढ़ाई का कोर्स पूरा हो सके और स्कूल खुलने पर वह अपने आप को पढ़ाई में पिछड़ा महसूस ना करें . साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं के साथ पाठ्यक्रम को पढ़ने में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो.

जिला शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज ने बताया कि फिलहाल पहली से तीसरी कक्षा के लगभग 40000 बच्चों को घर-घर जाकर पढ़ाने का अभियान एनएसएस के कार्यकर्ताओं के सहयोग से किया जा रहा है, इसके लिए रूम द्वारा विशेष सिलेबस बनाया गया है .

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वही एनएसएस के जिला संयोजक डॉक्टर एसपी सिंह का कहना है कि राष्ट्रीय सेवा योजना हमेशा सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित रहा है ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उन्हें जब यह जिम्मेदारी दी गई तो उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार कर इस अभियान के लिए कार्यकर्ताओं को अभियान में जोड़ दिया है 

 इस अभियान में जुड़ी छात्रा पायल का कहना है उन्हें बच्चों को पढ़ाने में संतोष मिलता है वे पढ़ाई के साथ साथ अन्य एक्टिविटीज भी कराती हैं ताकि बच्चों का पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन भी हो सके. साथ ही उन्हें कोरोना महामारी से बचाव के उपाय करने के लिए भी प्रेरित किया जाता है.

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