Lok Sabha Election 2024: बाराबंकी लोकसभा सीट पर राजरानी क्या खिला पाएंगी कमल, सपा के युवा नेता तनुज पुनिया से कांटे का मुकाबला
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Lok Sabha Election 2024: बाराबंकी लोकसभा सीट पर राजरानी क्या खिला पाएंगी कमल, सपा के युवा नेता तनुज पुनिया से कांटे का मुकाबला

Barabanki lok sabha seat, UP Lok Sabha Election phase 5 Voting: लोकसभा चुनाव 2024 का पड़ाव पांचवें चरण में है. 7 चरणों में से चार चरण वोट डाले जा चुके हैं. पांचवें चरण का मतदान 20 मई, सोमवार को है.

Barabanki lok sabha seat

UP Lok Sabha Election phase 5 Voting: देश में लोकसभा चुनाव का पड़ाव अब पांचवें चरण में आ पहुंचा है. जी हां, चुनाव 7 चरणों में से चार चरण संपन्न हो चुके हैं. पांचवें चरण का मतदान 20 मई को है और यूपी की 14 सीटों पर इस बार मतदान कराए जाएंगे. जिसके लिए 144 उम्मीदवार मैदान में हैं. इन सीटों में एक सीट बाराबंकी लोकसभा सीट भी है. बाराबंकी सुरक्षित सीट बाराबंकी लोकसभा सीट यानी अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व इस सीट के उम्मीदवारों की बात करें तो बीजेपी ने यहां पर राजरानी रावत को उतारा है. इंडिया गठबंधन से कांग्रेस ने यहां से तनुज पुनिया पर भरोसा किया है और बसपा ने यहां पर शिव कुमार दोहरे को प्रत्याशी बनाया है.

बीजेपी प्रत्याशी राजरानी रावत
बाराबंकी लोकसभा सीट पर बीजेपी ने जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत को इस बार चुनाव की उम्मीदवारी दी है. राजरानी रावत ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जिला पंचायत सदस्य (डीडीसी) बनकर की थी. हालांकि, बीजेपी द्वारा इस सीट की उम्मीदवारी पहले मौजूदा सांसद उपेंद्र सिंह रावत को दी गई थी लेकिन ऐन वक्त पर उनका कथित अश्लील वीडियो वायरल हो गया. इसके बाद आगामी लोकसभा चुनाव न लड़ने का उन्होंने खुद ही ऐलान किया. उपेंद्र सिंह रावत ने सार्वजनिक जीवन में कोई भी चुनाव निर्दोष साबित होने तक न लड़ने की बात कह डाली. 

सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी तनुज पूनिया
सपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत बाराबंकी सुरक्षित सीट कांग्रेस को मिला है और इस बार पार्टी ने फिर तनुज पूनिया पर भरोसा जताते हुए उन्हीं उम्मीदवार बनाया है.  तनुज पूनिया कांग्रेस के दिग्गज नेता पीएल पूनिया के बेटे है और पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए चौथी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं. वरिष्ठ आईएएस रहे डॉ. पीएल पुनिया ने अपने रिटायरमेंट के बाद राजनीति के लिए बाराबंकी का चुनाव किया और इसे ही अपनी कर्मस्थली बना ली. यहीं से जिले में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत किया. 

बीएसपी प्रत्याशी शिव कुमार दोहरे 
बसपा से बाराबंकी लोकसभा सीट के प्रत्याशी शिव कुमार दोहरे हैं. जोकि लखनऊ जिला प्रभारी और अब उन्हें इस सुरक्षित सीट से उताकर मायावती ने उन पर भरोसा किया है. इटावा जिले के मूल निवासी दोहरे लगभग 30 साल से लखनऊ में ही रह रहे हैं. ध्यान देने वाली बात है कि दोहरे ने अब से पहले कोई चुनाव नहीं लड़े हैं.  बहुजन समाज पार्टी ने कांग्रेस के पंजे और भाजपा के कमल के सामने शिव कुमार दोहरे को उतारा तो है लेकिन देखना ये होगा कि वो मायावती के भरोसे पर कितना खरे उतरते हैं.

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2019 के चुनाव का हाल 
बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र में 2019 के चुनाव में बोलबाला बीजेपी का रहा, तब कुल 535917 वोट हासिल कर उपेंद्र सिंह रावत विजयी हुए थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे सपा के राम सागर रावत को इस चुनाव में 425777 वोट प्राप्त हुए थे. कांग्रेस के तनुज पूनिया को केवल 159611 वोट प्राप्त हुए थे. राम सागर रावत को इस सीट से 4 बार सांसद चुना जा चुका है. 

2024 में बाराबंकी जिले के मतदाता 
इस साल 23 लाख से अधिक मतदाता है. यहां पर पिछड़े और दलित वर्ग के मतदाताओं पर चुनाव का परिणाम निर्भर करता है. इस लोकसभा क्षेत्र पर 
एससी मतदाता करीब 5 लाख है.
ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 16 लाख से ज्यादा हैं. 
शहरी मतदाताओं की संख्या 2 लाख के करीब है. 

बाराबंकी लोकसभा सीट का इतिहास
बाराबंकी लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीट आते हैं- कुर्सी, जैदपुर, रामनगर, हैदरगढ़ और बाराबंकी सदर. बाराबंकी लोकसभा सीट 1952 से 2019 तक 5 बार कांग्रेस का कब्जा रहा और 3 बार बीजेपी का, 2 बार यहां पर सपा ने जीत दर्ज की है. बसपा ने एक बार चुनाव जीता है. 
1952 में कांग्रेस के मोहन लाल सक्सेना ने बाजी मारी. 
1957 में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई. 
1977 और 1980 में यहां से जनता पार्टी जीती. 
1984 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 
1989, 1991 और 1996 में बाराबंकी सीट से लगातार 3 बार राम सागर रावत जीते.
राम सागर रावत ने लगातार 3 बार जीत अलग-अलग पार्टियों में रहकर हासिल की. 
चौथी बार राम सागर रावत 1999 में सपा से सांसद बने थे. 
बीच में 1998 में भी बाराबंकी सीट पर जब चुनाव हुआ तो बीजेपी विजयी हुई थी. 
2004 में बसपा जीती. 
2009 में कांग्रेस जीती. 
2014 में प्रियंका रावत की उम्मीदवारी में बीजेपी जीती, जो कि जिले की पहली महिला सांसद बनीं.
2019 में भी बीजेपी जीती.

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