Sanghmitra Maurya: बीजेपी ने क्यों काटा संघमित्रा मौर्या का टिकट, बदायूं लोकसभा सीट से चला बड़ा सियासी दांव
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Sanghmitra Maurya: बीजेपी ने क्यों काटा संघमित्रा मौर्या का टिकट, बदायूं लोकसभा सीट से चला बड़ा सियासी दांव

Badaun Lok Sabha List 2024: भाजपा की 5वीं लिस्‍ट में कई दिग्‍गजों का टिकट काट दिया गया है. इसमें बदायूं लोकसभा सीट से सांसद रहीं संघमित्रा मौर्या भी शामिल हैं. बीजेपी ने संघमित्रा मौर्या की जगह दुर्विजय सिंह शाक्य को टिकट दिया है. दुर्विजय सिंह शाक्य बदायूं के ही रहने वाले हैं.

Sanghmitra Maurya

Lok Sabha Election 2024: भाजपा की 5वीं लिस्‍ट में कई दिग्‍गजों का टिकट काट दिया गया है. इसमें बदायूं लोकसभा सीट से सांसद रहीं संघमित्रा मौर्या भी शामिल हैं. बीजेपी ने संघमित्रा मौर्या की जगह दुर्विजय सिंह शाक्य को टिकट दिया है. दुर्विजय सिंह शाक्य बदायूं के ही रहने वाले हैं. बीजेपी ने इस लोकसभा सीट में मौर्या और शाक्‍य वोटरों को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍हें टिकट दिया है. संघमित्रा का टिकट कटने पर उनके समर्थकों में मायूसी छा गई है. 

टिकट कटने की ये बताई जा रही वजह 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बदायूं की सांसद रहने के दौरान संघमित्रा ने कई दफे सरकार पर छींटाकशी करती रहीं. हालांकि, संघमित्रा का टिकट कटने के पीछे एक और वजह उनके पिता स्‍वामी प्रसाद मौर्या भी हो सकते हैं. लंबे समय से स्‍वामी प्रसाद मौर्या धार्मिक और विवादित बयान देते रहे हैं. दीपावली पर स्‍वामी प्रसाद मौर्या ने मां पार्वती को लेकर विवादित बयान दिया था. इसके अलावा वह हिन्‍दू देवी-देवताओं और केदारनाथ, बद्रीनाथ को लेकर भी विवादित बयान दे चुके हैं. ऐसे में हिन्‍दू संगठनों में नाराजगी थी. 

टिकट के लिए बीजेपी में नहीं 
पिछले दिनों एक कार्यक्रम में संघमित्रा ने कहा था कि वह सिर्फ टिकट के लिए बीजेपी के साथ नहीं हैं. वह पार्टी की कार्यकर्ता हैं. पार्टी के शीर्ष नेताओं को जो भी आदेश होगा वह मान्‍य होगा. फ‍िलहाल संघमित्रा का टिकट क्‍यों काटा गया इसके बारे में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है. उनकी जगह दुर्विजय सिंह शाक्य को प्रत्‍याशी बनाया है. वह संगठन के क्षेत्रीय अध्‍यक्ष भी हैं. 

कौन हैं दुर्विजय सिंह शाक्य?
दुर्विजय सिंह शाक्य का जन्‍म 12 फरवरी 1977 को बदायूं के ब्राह्मपुर में शाक्‍य परिवार में हुआ है. पांचवीं तक की पढ़ाई उनकी गांव में ही हुई है. इसके बाद उच्‍च शिक्षा के लिए वह बरेली चले गए. वह बरेली के विशप मंडल इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं. उनकी पत्‍नी सोना भाटिया भी शिक्षक हैं. दुर्विजय शाक्‍य 1994 में स्‍वयंसेवक संघ के स्‍वयंसेवक बने. छात्र जीवन से ही वह राजनीति में आ गए थे. बरेली कॉलेज इकाई के सहमंत्री भी रहे. एबीवीपी से भी जुड़े रहे. 

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