Firozabad Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर समाजवादी पार्टी सधे हुए कदमों से अपनी रणनीति पर अभी से काम कर रही है. भाजपा के मिशन 80 का जवाब देने के लिए विपक्ष के I-N-D-I-A की सफलता का बड़ा दारोमदार समाजवादी पार्टी के जिम्मे है. इसलिए पार्टी उन सीटों पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है, जहां 2019 में वह कम वोटों के अंतर या फिर अपनी कमियों की वजह से हारी थी. फिरोजाबाद लोकसभा सीट इन्हीं में से एक है.
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Firozabad Lok Sabha Chunav 2024: पश्चिमी यूपी की फिरोजाबाद संसदीय एक ऐसी सीट है जो समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट मानी जाती है. हालांकि यहां से कांग्रेस के राज बब्बर (Raj Babbar) ने डिंपल यादव (Dimple Yadav) को हराया था और 2019 में भी बीजेपी जीती थी. मगर शिवपाल यादव का सपा में वापस आना बीजेपी के लिए टेंशन की बात है.क्योंकि फिरोजाबाद का जातीय और राजनीतिक समीकरण सपा के पक्ष में है. अगर चाचा शिवपाल थोड़ी सी मेहनत कर देते हैं तो बीजेपी के लिए मुश्किल हो सकती है."
बीजेपी के लिए हो सकती है टेंशन
फिरोजाबाद संसदीय सीट की जीत के लिए भाजपा को खून-पसीना एक करना पड़ सकता है. 2019 में यहां बीजेपी के चंद्रसेन जौदान ने जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर थे सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चचेरे भाई अक्षय यादव (Akshay Yadav). उस चुनाव में चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) भी फिरोजाबाद से ताल ठोक रहे थे. इस बार चाचा-भतीजा एक साथ हैं. यही बीजेपी के लिए टेंशन की बात है.
चाचा उतरे थे भतीजे के खिलाफ
2019 में चाचा शिवपाल यादव ने फिरोजाबाद से मैदान में उतरकर भतीजे अक्षय यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थी. उन्होंने न सिर्फ सपा के समीकरण बिगाड़ने का काम किया, बल्कि इसी वजह से ये सीट भाजपा के खाते में चली गई. भाजपा के डॉ. चंद्रसेन ने सपा के अक्षय यादव को हराकर यहां से जीत दर्ज की.लोकसभा चुनाव 2024 में शिवपाल यादव ने इसी गलती को सुधारने का ऐलान करते हुए फिरोजाबाद से अक्षय यादव की जीत सुनिश्चित करने की बात कही.
फिरोजाबाद लोकसभा की 5 विधानसभा
फिरोजाबाद लोकसभा के अंतर्गत फिरोजाबाद जिले की पांच विधानसभा –टूंडला, फिरोजाबाद, जसराना, शिकोहाबाद एवं सिरसागंज आती है. जहां के सांसद समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव है. फिरोजाबाद लोकसभा में 1991, 1996 एवं 1998 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी फिरोजाबाद लोकसभा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पांच विधानसभा में से चार विधानसभा सीटों पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है. आगामी चुनाव में फिरोजाबाद लोकसभा में भाजपा एवं बसपा-सपा गठबंधन के मध्य कांटे का मुकाबला होने की संभावना है.
जातीय समीकरण पर जुटी सपा
2014 के आंकड़ों के मुताबिक फिरोजाबाद में 16 लाख से ज्यादा मतदाता रहे, जिनमें से 9 लाख से ज्यादा पुरुष और 7 लाख से अधिक महिला मतदाता थीं. इस सीट पर मुस्लिम के बाद जाट और यादव मतदाताओं का अच्छा प्रभाव माना जाता है. समाजवादी पार्टी इसी समीकरण को अपने पक्ष में करने में जुटी है.
फिरोजाबाद लोक सभा सीट 2019 परिणाम-Firozabad Lok Sabha Election Result 2019
फिरोजाबाद लोक सभा सीट 2014 परिणाम-Firozabad Lok Sabha Election Result 2014
फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र के इतिहास पर नजर
1957 में निर्दलीय बृजराज सिंह ने कांग्रेस के रघुवर सिंह को हराया
1962 के चुनाव में कांग्रेस के शंभू नाथ चतुर्वेदी ने गोरख रिपब्लिक पार्टी के दाताराम गोरख को हराया
1967 के चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के एससी लाल ने कांग्रेस के सी अंबेश को हराया
1971 में कांग्रेस के छत्रपति अंबेश ने भारतीय क्रांति दल के शिव चरन लाल को हराया
1977 में भारतीय लोक दल के रामजी लाल सुमन ने कांग्रेस के राजा राम पीपल को हराया
1980 में निर्दलीय राजेश कुमार सिंह ने कांग्रेस के आजाद कुमार कर्दम
1984 में कांग्रेस के गंगाराम ने लोकदल के राजेश कुमार सिंह को शिकस्त दी
1989 में जनता दल के रामजीलाल सुमन ने कांग्रेस के गंगाराम को हराया
1991 में बीजेपी के प्रभु दाल कठेरिया ने जनता दल के शिवनारायण गौतम को शिकस्त दी
1996 में भाजपा के प्रभु दाल कठेरिया ने सपा के रामजीलाल सुमन को हराया
1998 में भी प्रभु दयाल जीते
1999 के चुनाव में सपा के रामजीलाल सुमन भाजपा के प्रभु दयाल कठेरिया को हराकर जीत हासिल करने में सफल रहे
2004 के लोकसभा चुनाव में रामजीलाल सुमन ने जीते. उन्होंने बीजेपी के किशोरीलाल माहौल को हराया
2009 में अखिलेश यादव ने भाजपा के एसपी सिंह बघेल को हराया. हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया.
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उपचुनाव में कांग्रेस के राज बब्बर जीते
इसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से राज बब्बर जीते. वर्ष 2014 में सपा के वरिष्ठ नेता प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव यहां से जीते.अक्षय यादव ने भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल को हराया. 2019 में एक बार फिर फिरोजाबाद में कमल खिला यानी बीजेपी जीती.
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