साइकिल से उतर हैंडपंप से कमल को सींचेंगे जयंत! जाटलैंट में कमाल कर चुकी है बीजेपी से दोस्ती
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साइकिल से उतर हैंडपंप से कमल को सींचेंगे जयंत! जाटलैंट में कमाल कर चुकी है बीजेपी से दोस्ती

RLD-NDA Alliance News:  रालोद और बीजेपी के बीच गठबंधन की चर्चाएं जोरों पर हैं. पिछले रिकॉर्ड को देखें तो दोनों दलों को इसका फायदा हुआ है. आरएलडी और भाजपा साथ आते हैं तो जाटलैंड में राजनीति और सियासी समीकरण दोनों बदलते नजर आएंगे. 

साइकिल से उतर हैंडपंप से कमल को सींचेंगे जयंत! जाटलैंट में कमाल कर चुकी है बीजेपी से दोस्ती

RLD-NDA Alliance News: बीजेपी और आरएलडी गठबंधन की चर्चाएं आजकल जोरों पर चल रही हैं. अलायंस की अटकलों पर छाई सियासी धुंध अभी तक छंटी नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि जयंत चौधरी पाला बदलकर एनडीए में शामिल हो सकते हैं. पिछले रिकॉर्ड पर नजर डालें तो रालोद को बीजेपी के साथ दोस्ती का फायदा हुआ है. आरएलडी और भाजपा साथ आते हैं तो जाटलैंड में राजनीति और सियासी समीकरण दोनों बदलते नजर आएंगे. 

बीजेपी से पुरानी है रालोद की दोस्ती
राष्ट्रीय लोकदल की बीजेपी संग नजदीकियां पहले भी रहीहैं. दोनों की राजनीतिक दोस्ती भी पांच दशक पुरानी है. 1977 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी जनता पार्टी का ही हिस्सा थे. इससे पहले तीन बार बीजेपी रालोद गठबंधन कर चुके हैं. 1999 में अजीत सिंह ने लोकसभा चुनाव जीतकर बीजेपी से समझौता किया. 2002 विधानसभा चुनाव में अजीत सिंह बीजेपी के साथ चुनाव लड़े. इसके बाद 2009 में लोकसभा चुनाव भी साथ में लड़े, रालोद को फायदा हुआ. अब देखना होगा कि 2024 में क्या एकबार फिर दोनों दलों की दोस्ती होती है.

रालोद को हुआ फायदा
1999 में जब अजित सिंह ने बीजेपी के साथ समझौता किया तो उनको वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री बनाया गया था.  इसके बाद 2002 विधानसभा चुनाव में अजीत सिंह बीजेपी के साथ चुनाव लड़े. नतीजन रालोद 14 सीटें जीतने में कामयाब रही. इसके बाद 2009 में एक बार फरि आरएलडी और बीजेपी साथ आए. इसका फायदा बीजेपी से ज्यादा रालोद को हुआ. रालोद को 5 सीटें मिलीं जबकि बीजेपी 10 सीटें जीत सकी. इसके बाद दोनों दलों के रास्ते अलग हो गए. 

सपा-कांग्रेस से दोस्ती पर हुआ नुकसान
2012 में रालोद कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ी.  कांग्रेस को 355 में से 22 सीटें मिलीं जबकि रालोद 46 सीटों पर लड़ी, जिसमें 9 जीतीं. 2014 में रालोद और कांग्रेस फिर साछ चुनाव लड़े लेकिन इस बार रालोद खाता भी नहीं खोल पाई.  चुनाव में अजित और बेट जयंत दोनों चुनाव हार गए. कांग्रेस भी दो सीटें जीत पाई. 2019 में भी रालोद, सपा, बसपा साथ चुनाव लड़े लेकिन तीन सीटों पर लड़ी जयंत की पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. 2022 विधानसभा चुनाव सपा के साथ आई. 36 सीटों पर चुनाव लड़ा, इसमें 8 पर कब्जा जमाया. उपचुनाव में भी एक सीट जीती. सपा ने अपने कोटे से जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजा.  

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इस बार सपा ने 7 सीटों पर लड़ने का दिया ऑफर 
2024 लोकसभा चुनाव के लिए सपा की ओर से रालोद को 7 सीटें ऑफर की गईं. लेकिन इस पर रालोद राजी नहीं दिखी. इसी बीच बीजेपी के साथ गठबंधन की भी चर्चा होने लगी. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी रालोद को दो लोकसभा सीटें दे सकती है. साथ ही 1 राज्यसभा सीट भी राष्ट्रीय लोकदल के खाते में जा सकती है. चर्चा इस बात की भी है कि 15 फ़रवरी से पहले गठबंधन की घोषणा की जा सकती है. 

जाट-खाप के चौधरियों ने किया बीजेपी -आरएलडी गठबंधन का समर्थन
खाप चौधरी ने आरएलडी ओर भाजपा गठबंधन का खुलकर समर्थन किया. उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी जहां जाएंगे खाप और उनके समर्थक उनके साथ मजबूती के साथ खड़े रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जयंत सरकार के साथ सत्ता में आएंगे तो किसानों और नौजवानों सहित तमाम वर्ग का फायदा होगा. बीजेपी आरएलडी गठबंधन का समर्थन करते हुए देशखाप के थांबा चौधरी बृजपाल सिंह ने बताया कि चौधरी जयंत जो निर्णय लेंगे सही लेंगे. खाप चौधरी उनके साथ पूरी तरह से खड़े रहे हैं और हमेशा खड़े रहेंगे. 

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चौबीसी खाप के चौधरी सुभाष सिंह ने कहा कि गठबंधन हो रहा है. अच्छी बात है लेकिन बीजेपी को पूरा पश्चिम को सौंप देना चाहिए. जिसके बाद पहले से भी ज्यादा सीट बीजेपी की निकलने वाली है. दांगी खाप के चौधरी ओमपाल सिंह ने बताया कि चौधरी जो फैसला लेंगे सोच समझ कर लेंगे. उनके फैसले के साथ ही खाप और जाट समाज और उनके अनुयाई खड़े हुए हैं. जी न्यूज की चौपाल कार्यक्रम में मौजूद तमाम चौधरी आरएलडी और भाजपा गठबंधन के पक्ष में दिखाई दिए. साथ ही जब उनसे सवाल किया गया कि पहले जयंत बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे थे और अब बीजेपी के साथ तो उन्होंने कहा कि उससे फर्क नहीं पड़ता उन्हें केवल जयंत चौधरी और किसानो की भलाई देखना है। जयंत जिधर जाएंगे जाट और खाप चौधरी उनके साथ खड़े रहेंगे.

जयंत का फैसला मान्य होगा - राजपाल बालियान 
रालोद के विधान मंडल दल नेता राजपाल बालियान ने गठबंधन के सवाल पर कहा, गठबंधन को लेकर अभी हम लोगों को जयंत जी ने कुछ नहीं बताया है. हम लोग जयंत जी के साथ हैं, वह जो फैसला लेंगे वही हमारे लिए मान्य होगा हम लोग 11 तारीख को रामलला के दर्शन करने जाएंगे सपा भले ही ना जाए.

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