UP Lok Sabha Chunav 2024: यूपी में गेमचेंजर की भूमिका में ब्राह्मण वोटर, इन सीटों पर तय करते हैं हार जीत
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UP Lok Sabha Chunav 2024: यूपी में गेमचेंजर की भूमिका में ब्राह्मण वोटर, इन सीटों पर तय करते हैं हार जीत

UP Lok Sabha Chunav 2024: चुनाव के दौरान ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक वोट बैंक के बारे में चर्चा सुनने को मिल जाती है लेकिन सूबे में ब्राह्मण मतदाता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. संख्या में भले यह कम हों लेकिन सत्ता में पैंठ इनकी मजबूत रही है.

UP Lok Sabha Chunav 2024: यूपी में गेमचेंजर की भूमिका में ब्राह्मण वोटर, इन सीटों पर तय करते हैं हार जीत

Brahman voter in UP: लोकसभा चुनाव 2024  के लिए भले बीजेपी, सपा समेत सभी सियासी दल पिछड़े और दलित वोटरों को साधने में जुटे हों लेकिन सूबे में ब्राह्मण मतदाताओं को मजबूत वोट बैंक के तौर पर देखा जाता है, इनको पाले में रखने की हर दल की कोशिश होती है. संख्या में भले यह कम हों लेकिन सत्ता में पैंठ इनकी मजबूत रही है. इसलिए इनकी दुश्मनी कोई भी दल मोल नहीं लेना चाहता है. 

यूपी में करीब 8-10 फीसदी ब्राह्मण वोटर
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों वोटर करीब 8 से 10 प्रतिशत ही है लेकिन राजनीति में इनकी ताकत इससे कहीं ज्यादा है. ब्राह्मण समाज न केवल प्रभुत्वशाली है बल्कि राजनीतिक हवा बनाने में भी माहिर माना जाता है. प्रदेश की 5 दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटों पर ये निर्णायक भूमिका निभाते हैं. जबकि 13 जिलों में इनकी संख्या 20 फीसदी के करीब है. 

इन जिलों में सबसे ज्यादा आबादी 
बस्ती, संत कबीर नगर, अमेठी, बलरामपुर, कानपुर, महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, भदोही, जौनपुर, वाराणसी, चंदौली, महाराजगंज में ब्राह्मण वोटरों की संख्या 20 फीसदी से ज्यादा है. चुनाव में ये वोटर किसी भी दल को हराने या जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. यानी जिस दल के साथ ये जाते हैं चुनाव में उसकी नैया पार लग जाती है. 

यूपी में ब्राह्मण समाज से बने 6 CM
उत्तर प्रदेश की राजनीति में ब्राह्मण समाज कितना प्रभुत्वशाली और राजनीतिक हवा बनाने में सक्षम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सूबे में अब तक 21 मुख्यमंत्री बने हैं, इनमें से 6 CM (गोविंद बल्लभ पंत, सुचेता कृपलानी, कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, एनडी तिवारी और श्रीपति मिश्रा) ब्राह्मण समाज से आते हैं. ज्यादातर मुख्यमंत्री कांग्रेस सरकार के दौरान बने. हालांकि 1989 के बाद से अब तक कोई ब्राह्मण सीएम नहीं बन पाया है. 

जिसके ज्यादा विधायक उसकी सरकार
कहते हैं जिस दल के पास ब्राह्मण विधायकों की संख्या सबसे ज्यााद होती है, यूपी में उसी की सरकार बनती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2007 में कुल 57 विधायक ब्राह्मण समाज से बने. इनमें से 41 बसपा के सिंबल पर जीते, तब बसपा की सरकार बनी. जबकि 2012 में कुल 41 ब्राह्मण विधायक जीते, इनमें से 21 सपा के थे तब सपा सत्ता पर काबिज हुई. इसके बाद 2017 में ब्राह्मण समाज से 56 विधायक चुनकर आए. इनमें से 46 बीजेपी के थे. यूपी में सरकार बीजेपी की बनी. 

सीएसडीएस ने ब्राह्मण वोटों के पैटर्न पर सर्वे किया था, 2009 लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी को 53 फीसदी ब्राह्मणों ने वोट किया, जबकि अगले आम चुनाव 2014 में यह आंकड़ा बढ़कर 72 प्रतिशत पहुंच गया. इस चुनाव में बीजेपी ने 72 लोकसभा सीटें जीती थीं.वहीं 2009 में ब्राह्मण  वोटरों ने कांग्रेस को 31 फीसदी वोट दिए. जबकि अगले चुनाव 2014 में यह संख्या घटकर महज 11 फीसदी ही रह गई. इसके अलावा बसपा को 2009 में 9 प्रतिशत और 2014 में महज 5 प्रतिशत वोट मिले. सपा को 2009 और 2014 में 5-5 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए. 

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