तेल में फिर लगी 'आग': पेट्रोल 90 के पार, डीजल के दाम बढ़ने से ट्रक ऑपरेटर्स भी खफा
Advertisement

तेल में फिर लगी 'आग': पेट्रोल 90 के पार, डीजल के दाम बढ़ने से ट्रक ऑपरेटर्स भी खफा

डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से ट्रक ऑपरेटर खफा दिखे. सभी ऑपरेटर्स ने ट्रांसपोर्ट नगर में एक सभा कर सरकार के खिलाफ विरोध किया है.

सांकेतिक तस्वीर

लखनऊ: पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार आग लगती जा रही है. आज आठवां दिन है और इनकी कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जानकारी के मुताबिक सोमवार को प्रीमियम पेट्रोल का दाम 90.41 रुपये प्रति लीटर रहा, जबकि सामान्य पेट्रोल 87.63 रुपये प्रति लीटर बिका. बता दें, डीजल का खुदरा मूल्य 79.72 रुपये प्रति लीटर रहा. 

ये भी पढ़ें: Lucknow University असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानें क्या है वजह

दाम में बढ़ोतरी से ट्रक ऑपरेटर्स में नाराजगी
डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से ट्रक ऑपरेटर खफा दिखे. सभी ऑपरेटर्स ने ट्रांसपोर्ट नगर में एक सभा कर सरकार के खिलाफ विरोध किया है. The truck Operator and Transporter Association (TOTA) के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में सोमवार को मोटर व्यवसाय से जुड़े ट्रक मालिकों और ड्राइवरों ने एक सभा की. सभा के दौरान ऑपरेटर्स ने कहा कि लगातार दाम बढ़ने से अब लोगों की कमर टूट रही है. इनका कहना है कि टोल टैक्स से वह पहले ही परेशान हैं, अब डीजल के बढ़ते दाम ने दिक्कतें और बढ़ा दी हैं. 

ये भी पढ़ें: 186 साल पुरानी कंपनी UP में बनाएगी रिवॉल्वर, World War में चले थे इसी के हथियार

क्यों बढ़ रहे हैं पेट्रोल-डीजल के दाम?
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है सरकार द्वारा लगाया जा रहा टैक्स. कुछ समय पहले केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मीडिया को बताया था कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान तेल प्रोड्यूस करने वाले देशों ने प्रोडक्शन काफी हद तक कम कर दिया था, जिसके चलते तेल की डिमांड पूरी करना मुश्किल हो रहा था. ईंधन की डिमांड और सप्लाई में असंतुलन आने के कारण इनके दाम बढ़ रहे हैं. जानकारी मिली थी कि पहले कच्चे तेल की कीमत 35-38 डॉलर प्रति बैरल थी, जो अब बढ़ कर 54-55 डॉलर हो गई है. केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी थी कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने की वजह से देश में भी ईंधन की कीमत बढ़ी हैं. धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी बताया था कि भारत को अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत तेल इंपोर्ट करना पड़ता है. इसके साथ ही, देश में ईंधन की खपत भी बढ़ रही है, लिहाजा तेल के दामों में बढ़ोतरी आ रही है. 

WATCH LIVE TV

Trending news