केजीएमयू में इलाज के दौरान भारतीय मूल की इस कनाडाई महिला का तीन बार कोविड-19 टेस्ट हुआ और तीनों ही बार यह नेगेटिव आया. इसके बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. यह महिला कनाडा में डॉक्टर है और लखनऊ अपने ससुराल आई थी. अब इस महिला की सास में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. इस महिला का कोरोना टेस्ट 11 मार्च को पॉजिटिव आया था जिसके बाद इसे केजीएमयू में भर्ती कराया गया था. यहां कोरोना वायरस से संक्रमित इस महिला को केजीएमयू में इलाज के बाद रिकवर घोषित कर छुट्टी दे दी गई थी.
केजीएमयू में इलाज के दौरान भारतीय मूल की इस कनाडाई महिला का तीन बार कोविड-19 टेस्ट हुआ और तीनों ही बार यह नेगेटिव आया. इसके बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. यह महिला कनाडा में डॉक्टर है और लखनऊ अपने ससुराल आई थी. अब इस महिला की सास में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. सास 22 से 25 दिन पहले अपनी बहू के संपर्क में आई थीं.
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डॉक्टर महिला के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसकी सास समेत पूरे परिवार के सैंपल लिए गए. जांच में सिर्फ चचेरे भाई का सैंपल पॉजिटिव आया था. पूरे परिवार के बाकी सदस्यों को आइसोलेट रहने के लिए कहा गया था. सभी का आइसोलेशन 25 मार्च को खत्म हुआ. इसके बाद महिला डॉक्टर की सास में कोरोना के लक्षण दिखने शुरू हुए. बीते 28 मार्च को उनका दोबारा सैंपल लिया गया. कमांड हॉस्पिटल में हुई जांच में यह सैंपल कोरोना पॉजिटिव आया.
केजीएमयू के डॉक्टरों का कहना है कि वैसे तो कोरोना वायरस नॉर्मल ह्यूमन बॉडी में 14 दिन में सक्रिय हो जाता है. लेकिन 14 दिन के बाद यह वायरस रेयर मामलों में ही ऐक्टिव होता है. डॉक्टर महिला की सासा काफी बुजुर्ग हैं. उनके शरीर में कोरोना वायरस पहले ही सक्रिय हो गया था. लेकिन उन्हें दूसरी बीमारियां भी हैं इसलिए इसके असर का पता नहीं चला. डॉक्टरों की सलाह है कि आइसोलेशन पीरियड खत्म होने के बाद भी कोरोना संदिग्ध एक बार अपनी जांच जरूर कराएं.
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