बेघर परिवारों को राहत देगी योगी सरकार, मकान बनाने के लिए मिलेगी जमीन
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बेघर परिवारों को राहत देगी योगी सरकार, मकान बनाने के लिए मिलेगी जमीन

भूमिहीन किसानों को खेती के लिए अलग-अलग जिलों में भूमि पट्टे पर देने की तैयारी है. ग्राम सभा की अनुपयोगी विभिन्न प्रकार की जमीनों को भूमि सुधार कार्यक्रमों के तहत पट्टे पर आवंटित करने के लिए राजस्व परिषद ने जिलावार लक्ष्य तय कर दिया गया है. 

बेघर परिवारों को राहत देगी योगी सरकार, मकान बनाने के लिए मिलेगी जमीन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi government) चुनावी साल में भूमिहीन बेघरों को मकान के लिए जमीन मुहैया कराने की कोशिश में जुटी है. प्रदेश सरकार इस साल प्रदेश के 10,370 बेघर परिवारों को मकान के लिए ग्राम सभा की जमीन पट्टे पर देने की तैयारी कर रही है.

पट्टे पर दी जाएगी भूमिहीन परिवारों को खेती के लिए जमीन
जिन परिवारों के पास रहने के लिए घर नहीं है, सरकार मकान बनाने के लिए उन्हें ग्राम सभा की अनुपयोगी जमीन पट्टे पर देती है. भूमिहीन परिवारों को खेती के लिए जमीन भी पट्टे पर दी जाती है. मछली पालन के धंधे से जुड़े लोगों/समितियों को मत्स्य पालन के लिए तालाब के पट्टे देने के अलावा कुम्हारी कला से जुड़े लोगों को मिट्टी निकालने के लिए भी सरकार स्थल आवंटन करती है.

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पट्टे पर मिलेगी भूमिहीन परिवारों को खेती के लिए जमीन 
खबरों की मानें तो भूमिहीन किसानों को खेती के लिए अलग-अलग जिलों में कुल 543 हेक्टेयर भूमि पट्टे पर देने की तैयारी है. ग्राम सभा की अनुपयोगी विभिन्न प्रकार की जमीनों को भूमि सुधार कार्यक्रमों के तहत पट्टे पर आवंटित करने के लिए राजस्व परिषद ने जिलावार लक्ष्य तय कर दिया गया है. इस बाबत जिलाधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं.

तेजी से चल रहा है जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का अभियान
बता दें कि योगी सरकार ग्राम सभा की जमीनों और सार्वजनिक संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का अभियान भी तेजी से चला रही है. अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई भूमि भी गरीबों का मकान बनाने और उन्हें जीविका के साधन मुहैया कराने के काम आ रही है.

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ग्राम प्रधान की ओर से जमीन के पट्टे देने का प्रस्ताव पेश किया जाता है 
जिन लोगों के पास रहने के लिए मकान और खेती के लिए जमीन नहीं होती है, ग्राम पंचायत की बैठक में उनके नामों पर चर्चा होती है. लेखपाल तस्दीक करता है कि जिनके नामों पर चर्चा हुई, वास्तव में वे बेघर और भूमिहीन हैं. ग्राम प्रधान की ओर से इन लोगों को मकान और खेती के लिए जमीन के पट्टे देने का प्रस्ताव पेश किया जाता है जिसे बैठक में मंजूरी दी जाती है. फिर ये अनुमोदित प्रस्ताव संबंधित एसडीएम को भेजा जाता है जो अपने लेवल पर पात्रता की जांच कराते हैं. जांच में योग्य पाए गए लोगों को मकान बनाने या खेती के लिए पट्टे दिए जाते हैं.

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