UP Nagar Nikay Chunav 2022 : यूपी नगर निकाय चुनाव की घोषणा विधानसभा सत्र के बाद होगी! चुनाव आचार संहिता के चलते अड़ंगा
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UP Nagar Nikay Chunav 2022 : यूपी नगर निकाय चुनाव की घोषणा विधानसभा सत्र के बाद होगी! चुनाव आचार संहिता के चलते अड़ंगा

UP Nagar Nikay Chunav 2022 : यूपी नगर निकाय चुनाव की घोषणा विधानसभा सत्र के बाद होने के आसार, चुनाव आचार संहिता के चलते टलेंगे नगर निगम और नगरपालिका चुनाव

Nagar Nigam Election 2022 in UP

UP Nagar Nikay Chunav 2022 Dates : यूपी नगर निकाय चुनाव 2022 (municipal election) की तारीखों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. नगर निगम (Nagar Nigam) , नगर पालिका (Nagar palika) औऱ नगर पंचायत चुनाव (Nagar panchayat) की घोषणा अब राज्य निर्वाचन आय़ोग उत्तर प्रदेश द्वारा दिसंबर में किए जाने के आसार दिखाई दे रहे हैं. माना जा रहा है कि यूपी विधानसभा सत्र के बाद ही निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होगी. विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर 2022 से प्रारंभ होना है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पेश करेगी. सरकार इसमें कुछ नई योजनाओं की घोषणा के साथ कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों को भी पेश कर सकती है. ये विधानसभा सत्र तीन दिनों तक चलेगा. ऐसे में 8 दिसंबर या उसके बाद म्यूनिसिपल इलेक्शन का ऐलान चुनाव आयोग द्वारा किया जा सकता है. 

अगर उससे पहले निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी की जाती है तो उसका सीधा असर यूपी निकाय चुनाव 2022 की आचार संहिता पर पड़ सकता है. मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव, रामपुर विधानसभा उपचुनाव और खतौली विधानसभा उपचुनाव की मतगणना भी 8 दिसंबर को होनी है. ऐसे में चुनाव नतीजों के बाद ही निकाय चुनाव का शंखनाद बज सकता है.

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राज्य निर्वाचन आयोग को 8 जनवरी 2022 से पहले चुनाव कराए जाने जरूरी हैं. अगर तब तक चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो नगर निगमों और नगर पालिका में प्रशासकों को जिम्मेदारी देनी होगी,क्योंकि तब मौजूदा मेयर, नगर पालिका अध्यक्ष या नगर पंचायत अध्यक्ष और वार्डों के सभासदों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा.चुनाव में और ज्यादा देरी हुई तो असंतुष्ट वर्ग अदालत का रुख कर सकता है.

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दिसंबर और जनवरी में पड़ने वाली ठंड से मतदाताओं के उत्साह में भी कमी देखने को मिल सकती है. लिहाजा बीजेपी, कांग्रेस, सपा-बसपा जैसे बड़े दल या चुनावी उम्मीदवारों की परेशानी भी बढ़ सकती है. अभी तो सभी नगर निगम और नगरपालिकाओं की मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन और आरक्षण की प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है. ऐसे में टिकट के दावेदारों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. 

 

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