PM मोदी दूसरे प्रधानमंत्री, जो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में होंगे शामिल
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PM मोदी दूसरे प्रधानमंत्री, जो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में होंगे शामिल

 इससे पहले 1964 में लाल बहादुर शास्त्री ने समारोह में हिस्सा लिया था. पीएम मोदी समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी ऑनलाइन भाग लेंगे.

प्रधानमंत्रा नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)(L). खास मौके पर AMU को सजाया सजाया गया है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के शताब्दी समारोह में शामिल होने जा रहे हैं. वह देश के दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो AMU के किसी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. गौरतलब है कि 56 साल बाद कोई प्रधानमंत्री AMU के समारोह में शिरकत कर रहा है, इससे पहले 1964 में लाल बहादुर शास्त्री ने दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया था. पीएम मोदी समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी ऑनलाइन भाग लेंगे.

100 साल की हुई यूनिवर्सिटी
देश-दुनिया में प्रसिद्ध एएमयू इस साल दिसंबर में सौ साल की हो गई. गौरतलब है कि सर सैयद अहमद खां ने 24 मई 1875 में सात छात्रों से मदरसा तुल उलूम के रूप में यूनिवर्सिटी की नींव रखी थी. 8 जनवरी 1877 को 74 एकड़ फौजी छावनी में मोहम्मद एंग्लो ओरिएंटल (AMO) कॉलेज को स्थापित किया.

1 दिसंबर 1920 को AMO बना AMU
मुहम्मद एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज 1 दिसंबर, 1920 को एएमयू बनाने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इसके बाद 17 दिसंबर को  तत्कालीन कुलपति मोहम्मद अली मोहम्मद खान राजा साहब ने  औपचारिक रूप से एएमयू की शुरुआत की. AMU में शिक्षा के पारंपरिक और आधुनिक शाखा में 250 से अधिक पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं.

छात्र नेताओं ने किया विरोध का ऐलान
छात्र नेता नदीम अंसारी का कहना है कि पीएम मोदी की मौजूदगी किसी भी तरह से AMU में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर कुलपति उन को बुलाकर उनका फायदा उठाना चाहते हैं, तो वह अपने आवास पर उनको बुला लें. वह अपने हितों के लिए ऐसे आदमी का ऑनलाइन कार्यक्रम करना चाहते हैं, जो मुसलमानों का हितैषी नहीं हैं.  इस कार्यक्रम का हम काले झंडे दिखाकर विरोध करेंगे.

उत्साह में है विश्वविद्यालय
पीएम मोदी की मौजूदी को लेकर एक ओर विरोध है, तो दूसरी ओर उत्साह भी है. पीएम के कार्यक्रम का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के टीचर्स ने स्वागत किया है. दीनियात डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रेहान अख्तर कासमी का कहना है कि 'प्रधानमंत्री का कार्यक्रम 22 दिसंबर को हो रहा है. वह बड़ा ऐतिहासिक प्रोग्राम है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की तारीख में एक बड़े चैप्टर का इजाफा होने जा रहा है'.

'आप देख रहे हैं कि दुनिया में शताब्दी दिवस को लेकर पूरे अलीग बिरादरी (अलीगढ़ के पूर्व छात्र) में उत्साह पाया जा रहा है. साथ ही में, मैं समझता हूं कि आज से 2 साल पहले प्रधानमंत्री जी ने विज्ञान भवन में कहा था कि हम एक हाथ में मुसलमानों की कुरान देखना चाहते हैं और दूसरे हाथ में कम्प्यूटर देखना चाहते हैं.  कहीं ना कहीं यह दोनों चीजें कंपोजिट करती हैं. कार्यक्रम काफी ऐतिहासिक होने वाला है'.

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