हादसे रोकने को योगी सरकार का बड़ा कदम, स्‍कूल वाहन में बच्चे भी सीट बेल्ट से होंगे लैस
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हादसे रोकने को योगी सरकार का बड़ा कदम, स्‍कूल वाहन में बच्चे भी सीट बेल्ट से होंगे लैस

अब उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने प्रदेश भर के उप परिवहन आयुक्त परिक्षेत्र, आरटीओ व एआरटीओ को इस संबंध में पत्र लिखा है.

अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर. फाइल फोटो

उन्‍नाव (दयाशंकर) : अगर आपके बच्‍चे बस या वैन से स्कूल जाते हैं, तो निश्चित ही नई व्‍यवस्था आपको पसंद आएगी. प्रदेश की योगी सरकार ने आएदिन होने वाली दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए स्कूल वाहनों के लिए विशेष नियम तय किए हैं. अब स्कूल बसों व वैन में छात्रों को सीट बेल्ट बांधना अनिवार्य कर दिया गया है. जुलाई के अंतिम सप्ताह में डीएम की गठित कमेटी स्कूल संचालकों के साथ बैठक कर अगस्त में नए नियमों का क्रियान्वयन करेगी.

मोटरयान नियमावली में संशोधन के बाद स्कूल बस व वैन से आने-जाने वाले बच्चों को सुरक्षित घर पहुंचाने की जिम्मेदारी व जवाबदेही विद्यालय प्रशासन के कंधों पर होगी. अभी तक केवल चालक के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य था. अब उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने प्रदेश भर के उप परिवहन आयुक्त परिक्षेत्र, आरटीओ व एआरटीओ को इस संबंध में पत्र लिखा है.

बता दें कि शिक्षण संस्थान, स्कूल व ठेके पर चलने वाली बसों के लिए 21 तरह के नियम बनाए गए हैं. इसके तहत शिक्षण संस्थान की बस व वैन 15 साल से पुरानी नहीं होगी, जबकि निजी व विद्यालय की वैन 10 साल से पुरानी नहीं होनी चाहिए. वहीं स्कूल वाहनों में चालक के साथ ही बच्चों को सीट बेल्ट बांधना अनिवार्य किया गया है. जिस पर उन्नाव एआरटीओ ने भी तैयारियां शुरू कर दी है. एआरटीओ अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि स्कूल संचालकों को मोटरयान नियमावली संशोधन की नोटिस जारी कर दी गई है. 

स्कूल की पुरानी बसों, वैन व अन्य चौपहिया वाहनों में सीट बेल्ट जुलाई महीने के अंत में लगवाने के निर्देश दिए गए हैं. अगस्त में चेकिंग अभियान चलाकर नियम का पालन कराया जाएगा. वहीं नियमों की अनदेखी करने पर वाहन का परमिट समाप्त किया जाएगा. वहीं स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी.

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